नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी की नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लोकसभा चुनाव लड़के से रोकने संबंधी याचिका बुधवार को खारिज कर दी। साध्वी प्रज्ञा महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की मुख्य आरोपी हैं जिनमें छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
एनआईए के विशेष न्यायाधीश वी एस पडलकर ने कहा कि इस पर निर्णय लेना चुनाव अधिकारियों का काम है। अदालत आरोपी को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। इस अदालत के पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने की कानूनी शक्ति नहीं है। अदालत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती क्योंकि यह निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है।
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने साध्वी प्रज्ञा और अन्य लोगोंं पर विस्फोटों को अंजाम देने वाले एक चरमपंथी समूह का सदस्य होने का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने बाद में उन्हें क्लीन चिट दे दी लेकिन अदालत ने उन्हें बरी नहीं किया।
उनके खिलाफ कड़े महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत लगाए गए आरोप हटा दिए गये हैं लेकिन उन पर अवैध गतिविधि (निरोधक) कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला चल रहा है।
मालेगांव विस्फोट के एक मृतक के पिता निसार सैयद ने साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जमानत मिली है और अगर वह इतनी स्वस्थ हैं कि चुनाव लड़ सके तो इसका मतलब है कि उन्होंने अदालत को गुमराह किया है।