लखनऊ। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद लखनऊ स्थित पासपोर्ट क्षेत्रीय कार्यालय से अलग अलग धर्मो से ताल्लुक रखने वाले दंपती को पासपोर्ट जारी करने के बाद अब इस फैसले पर ही सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, तनवी सेठ नामक महिला ने विदेश मंत्री को ट्वीट कर पासपोर्ट अधिकारी की शिकायत की थी कि उन्होने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और अलग अलग धर्मो का हवाला देते हुए पासपोर्ट जारी करने के लिए मना कर दिया।
सुषमा स्वराज के दखल के बाद पासपोर्ट कार्यालय ने गुरूवार को आनन फानन में दंपती को न सिर्फ पासपोर्ट जारी कर दिया बल्कि संबधित अधिकारी विकास मिश्रा का गोरखपुर ट्रांसफर कर दिया।
पासपोर्ट कार्यालय के इस फैसले के खिलाफ 24 घंटे के अंदर ही आवाज मुखर होने लगी है। तबादले का दंश झेलने वाले विकास मिश्रा ने फैसले को बेतुका बताते हुए कहा कि उन्होंने महिला के साथ कोई अभद्रता नहीं की बल्कि नियमों के अनुसार काम किया।
उन्होंने कहा कि दंपती नोयडा के मूल निवासी है जो वहां पिछले दस सालों से निवास कर रहे है। इस लिहाज से उनको पासपोर्ट के लिए गाजियाबाद कार्यालय में आवेदन करना चाहिए था।
मिश्रा ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि महिला के निकाहनामे पर उसका नाम सादिया अनस सिद्दकी दर्ज है। उसके पास अलग अलग नामों से पहचान पत्र है। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने महिला से कतई अभद्रता नहीं की बल्कि वह चिल्ला रही थी और नियमों काे दरकिनार कर खुद के अविवाहित रहने वाले नाम पर पासपोर्ट लेने के लिए दबाव बना रही थी।
पासपोर्ट कार्यालय में एक जिम्मेदार अधिकारी का फर्ज निभाते हुए उन्होंने बस अपना कर्तव्यपालन किया। मानकों को पूरा कराना उनकी ड्यूटी का हिस्सा है और इसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।