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Nimbaram garasiya pinchs sanya lodha - Sabguru News
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निम्बाराम गरासिया ने CM सलाहकार को ‘रसगुल्ले’ में रखकर खिलाई ‘कुनैन’ की गोली

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निम्बाराम गरासिया ने CM सलाहकार को ‘रसगुल्ले’ में रखकर खिलाई ‘कुनैन’ की गोली
सिरोही में शिलान्यास करते सिरोही विधायक संयम लोढ़ा।
सिरोही में शिलान्यास करते सिरोही विधायक संयम लोढ़ा।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला मुख्यालय पर शनिवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय के पास आदिवासी बालिका छात्रावास के शिलान्यास के दौरान आबूरोड के कांग्रेस नेता निम्बाराम गरासिया ने संयम लोढ़ा को तारीफों की चाशनी से भरे रसगुल्ले में कुनैन की कड़वाहट भरी शिकायती सच्चाई चखा दी।

इस शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान निम्बाराम गरासिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैसे घर में अभिभावक अपना रुआब घर में कायम रखते हैं और अनुशासन के लिए बच्चों से सख्ती रखते हैं, वैसे ही विधायक भी करते हैं। लेकिन, इस सख्ती के बाद भी वो अभिभावकों की तरह ही सबका ध्यान भी रखते हैं। ये बात सुनकर संयम लोढ़ा समेत सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

दरअसल, अपने उद्बोधन में निम्बाराम गरासिया संयम लोढ़ा के उन करीबी कार्यकर्ताओं की मन की व्यथा कह गए जो उन्हें ऊपरी चमक-दमक के नीचे का सच बताने को आतुर तो हैं लेकिन, उनकी प्रतिक्रिया के असमंजस के कारण कहते नहीं हैं। बाद में अपने उद्बोधन में संयम लोढ़ा ने भी मुस्कुराते हुए कहा कि निम्बाराम गरासिया की तरह ही किसी और को भी उनके बारे में अपनी बात कहनी है तो वो कह सकता है। इस बात पर लोढ़ा समर्थकों के चेहरे पर हल्की मुस्कान सी तैर गई।

इस दौरान मारवाड़ा जनजाति विकास बोर्ड (माडा) उपाध्यक्ष कीर्तिसिंह भील ने कहा कि मुख्यममंत्री अशोक गहलोत और संयम लोढ़ा के प्रयासों से बिखरी हुई जनजाति को मुख्यधारा में जोडऩे के लिए उद्देश्य से जनजाति विकास बोर्ड का गठन किया गया। इस दौरान तलसाराम भील, प्रकाश मीणा ने भी संबोधित किया।

समारोह में सिरोही नगर परिषद के सभापति महेन्द्र मेवाड़ा, नगर पालिका अध्यक्षक कानाराम भील, उससभापति जितेन्द्र सिंघी, हेमलता शर्मा, हरीश राठौड़, प्रकाश प्रजापति, मुख्तियार खान, शिवगंज के पूर्व प्रधान अचलाराम माली, भूपेश देवासी, दशरथ नरूका समेत कई लोग मौजूद थे।

-जमीन पर इसका नुकसान सामने

भले ही संयम लोढ़ा ने सिरोही-शिवगंज विधानसभा में विकास के अनेक काम करवाए हैं। लेकिन, जीत के लिए जनता से विधायक के विश्वास के जिस कनेक्शन की जरूरत होती है वो अब भी जमीन पर नजर नहीं आ रही है। इस कड़ी के टूटने की वजह कार्यकर्ताओं का वही असमंजस है जिसका जिक्र निम्बाराम गरासिया ने किया।

उनके करीबी कार्यकर्ता भी उनकी अनिश्चय भरी प्रतिक्रिया से झेंपकर ये बताने में असमर्थ रहते हैं कि विधानसभा के गांव और शहरों बुजुर्ग पेंशनर्स जैसे ऐसे कई व्यवस्था पीडि़त लोग हैं जिन्हें अधिकारी 69 के पट्टों जैसे साधारण काम के लिए छह महीने से दौड़ा रहे हैं।

ऐसे भी पीडि़त हैं जो ये जानकर उन तक नहीं जाते कि जब विधायक के अनुरोध पर करोड़ों रुपए जनकल्याण के लिए देने को तत्पर लोगों के काम को भी अधिकारी सुविधा के लालच के लिए लटका दे रहे हैं तो फिर उनकी बिसात क्या? ये हकीकतें संयम लोढ़ा तक तभी पहुंच सकती हैं जब वो निम्बाराम गरासिया और उन जैसे उनके करीबी कार्यकर्ताओं के मन में ये शंका का समाधान कर सकें कि सिरोही विधानसभा के आम मतदाता के दैनिक कार्यों को अटकाने वाले अधिकारियों पर वो जनता के हितों पर न्योछावर नहीं होने देंगे। ऐसे समस्याओं को सुनने और सुलझाने को वो हमेशा तत्पर हैं।

-महिमामंडन का पीएम मोदी इंटरव्यू मोमेंट
2019 के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकल और कथित पूर्व प्रेषित साक्षात्कार में रुबिका लियाकत के महिमामंडन वाले एक सवाल आज भी काफी चर्चित है। वो ये कि बिना थके इतना काम करते हैं, क्या आप थकते नहीं हैं क्या? ये मोमेंट शनिवार को इस शिलान्यास कार्यक्रम में भी आया, जब मंच संचालक ने संयम लोढ़ा की भागदौड़ की बात करते हुए ये पूछ लिया कि युवाओं से ज्यादा भागदौड़ करते है, आप इस भागदौड़ भरी जिंदगी में थकते नहीं हैं क्या?

ऐसे कहकर माइक भी उनकी तरह मुखातिब कर दिया। इससे दर्शक दीर्घा में फिर मुस्कान के साथ साथ ‘आप आम खाते है या नहीं’, ‘आप पर्स रखते हैं या नहीं’, जैसे सवालों की फुसफुसाहट भी शुरू हो गई।

यूँ मुख्य मेहमानों की प्रशस्ति में इस तरह का चलन आम हो चुका है। हाल ही में विवेकानन्द मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में मंच संचालक ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक दशरथ नरूका को स्वामी विवेकानंद  पर दो शब्द बोलने को बुलााया। नरूका ने भी मंच संचालक की बात की पालना की। विवेकानंद पर दो लाइन बोलने के बाद संयम लोढ़ा की प्रशस्ति में 100 लाइन बोल दिये।

चौराहों के उन्नयन के कार्य के दौरान पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा को सिरोही में हुए विकास पर प्रकाश डालने को माइक थमाया तो उन्होंने विधायक से त्रेता और द्वापर युग के पात्रों के साथ समानता पर प्रकाश डाला।