नई दिल्ली। ब्रिटिश प्रशासन ने 13 हजार 578 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले के भगोड़े आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ब्रिटेन में होने की सोमवार को पुष्टि की।
शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद पर रोकथाम के लिए बातचीत के वास्ते राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद ब्रिटेन के आतंकवाद निरोधक मंत्री बैरोनेस विलियम्स ने नीरव के ब्रिटेन में छिपे होने की पुष्टि की है। उन्होंने भारत सरकार को नीरव समेत ब्रिटेन में छिपे सभी भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिए हरसंभव मदद देने का भी आश्वासन दिया।
विलियम्स ने गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू को शराब कारोबारी एवं बैकाें को अरबों रुपए का चूना लगाने वाले विजय माल्या के प्रत्यर्पण में भी पूरा सहयोग करने का वादा किया। माल्या एक वर्ष से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहा है।
रिजिजू ने विलियम्स के साथ बैठक के बाद मीडिया से कहा कि यह मुलाकात सार्थक रही और मैंने उन्हें भारत में वांछित अपराधियों के प्रत्यर्पण में ब्रिटिश प्रशासन के सहयोग की केंद्र सरकार की मांग से अवगत कराया। मंत्री ने सहयोग का आश्वासन दिया है, चाहे वह नीरव मोदी हो या विजय माल्या।
इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नीरव के मामा और इस मामले के सह आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने के लिए इंटरपोल से कहा है। सीबीआई ने हाल ही में इंटरपोल को आरसीएन जारी करने को कहा है।
सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल जल्द ही कार्रवाई करेगी। आरसीएन जारी होते ही इंटरपोल के 190 सदस्य देशों की पुलिस नीरव और मेहुल के ठिकानों का अता-पता लगाने एवं उनकी गिरफ्तारी के लिए अधिकृत हो जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय और ब्रिटेन के अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट मिली थी कि नीरव ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगी है। नीरव ने गत आठ वर्षों में लंदन, न्यूयार्क तथा हॉन्गकॉन्ग में अाभूषणों के स्टोर खोलकर अंतरराष्ट्रीय आभूषण ब्रांड की स्थापना की।
पीएनबी घोटाले में नाम आने के बाद पुलिस कार्रवाई के तहत भारत में स्थित उसके स्टोरों को बंद कर दिया गया तथा बैंक खातों के साथ उसकी सम्पत्तियों और लक्जरी कारों को जब्त कर लिया गया।