नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता की दया याचिका आज खारिज कर दी।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रपति ने पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है। अन्य तीनों आरोपियों की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी है इससे इन चारों को फांसी दिये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
चारों दोषियों को मंगलवार सुबह फांसी दी जानी थी लेकिन पवन गुप्ता ने सोमवार को राष्ट्रपति के पास अपनी दया याचिका दायर कर दी जिससे उनकी फांसी पर रोक लग गयी थी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उसकी सुधार याचिका को खारिज कर दिया था।
वर्ष 2012 के बलात्कार और हत्याकांड मामले में 6 लोगों को दोषी पाया गया था। पवन गुप्ता के साथ – साथ मुकेश, विनय और अक्षय को फांसी की सजा सुनायी गयी। मामले के एक अन्य आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी एक किशोर था जिसे तीन वर्ष तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था। दोषियों ने 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी बर्बता के साथ पिटायी की थी। अस्पताल में उपचार के दौरान निर्भया की मौत हो गयी थी।
पिछले आठ वर्षों के दौरान न्यायालय में इस मामले की सुनवाई की दौरान कई उतार चढाव आये और दोषियों के वकील ने कानूनी प्रावधानों और दांव पेंचों के आधार पर इस मामले को लंबे समय तक लटकाये रखने की पूरी कोशिश की।