नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने शनिवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों में एक विनय कुमार शर्मा की उच्च स्तरीय इलाज संबंधी याचिका खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी विनय कुमार शर्मा द्वारा दाखिल याचिका को शनिवार को खारिज कर दिया। उन्होंने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि दोषी विनय को किसी इलाज की जरूरत नहीं है। अदालत ने कहा कि मौत की सजा के मामले में चिंता और अवसाद सामान्य है। दोषी को निस्संदेह, पर्याप्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद प्रदान की गई है।
विनय के वकील ने याचिका दायर कर अपने मुवक्किल के लिए उच्च स्तर की मेडिकल सहायता की मांग की थी जिसे अदालत ने नामंजूर कर दिया। इस याचिका में दावा किया गया था कि विनय मानसिक बीमारी से जूझ रहा है और उसे उपचार की जरूरत है। याचिका में यह दावा भी किया गया था कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दायीं बांह टूटी हुई है और उस पर प्लास्टर है। वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने उसके दावों को तोड़े मरोड़े गए तथ्यों का पुलिंदा बताया और अदालत से कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साबित हुआ है कि दोषी विनय कुमार शर्मा ने दीवार पर सिर मारकर चेहरे को खुद ही जख्मी कर लिया और वह किसी मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त नहीं है। जेल की तरफ से पेश मनोचिकित्सक ने कहा कि रोजाना आधार पर सभी चारों दोषियों की चिकित्सा जांच की गई और सभी ठीक हैं।