नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषी अक्षय ने उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल की।
अक्षय के वकील ए. पी. सिंह ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की। उन्होंने बाद में न्यायालय परिसर में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, “अक्षय गरीब और कमजोर तबके से है और उसकी ओर से पुनरीक्षण याचिका दायर करने में हुई देरी को मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।” सिंह ने कहा कि उनकी कोशिश बेगुनाह को बचाने की है और याचिका में कई तथ्य प्रस्तुत किये गये हैं।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय नौ जुलाई 2018 को विनय, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर चुका है, लेकिन अक्षय ने अभी तक पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की थी। सिंह अन्य अपराधी पवन और विनय के भी वकील हैं।
गौरतलब है कि 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया को सामूहिक दुष्कर्म के बाद गम्भीर हालत में फेंक दिया गया था। कई दिनों के इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसे बचाया न जा सका और उसने वहीं कुछ दिनों के बाद उसने दम तोड़ दिया था।
इस मामले में छह आरोपी पकड़े गये थे, जिसमें से एक नाबालिग था और उसे किशोर सुधार गृह भेज दिया गया था, जहां से उसने अपनी सजा पूरी कर ली थी, जबकि एक अभियुक्त ने आत्महत्या कर ली थी। शेष चारों को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा था।