Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
निर्जला एकादशी : पुष्कर के घाटों पर रौनक, आस्था की डुबकी - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer निर्जला एकादशी : पुष्कर के घाटों पर रौनक, आस्था की डुबकी

निर्जला एकादशी : पुष्कर के घाटों पर रौनक, आस्था की डुबकी

0
निर्जला एकादशी : पुष्कर के घाटों पर रौनक, आस्था की डुबकी


पुष्कर।
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पडने के बाद राज्य सरकार की और से अनलॉक के तहत छूट प्रदान करने से धार्मिक गतिवि​धियां हिलोरे मारने लगीं है। इसी के चलते आज निर्जला एकादशी पर पुष्कर सरोवर के घाटों पर एक बार फिर से रौनक नजर आई।

बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पूजा अर्चना कर दान पुण्य किया। हालांकि जगतपिता ब्रह्मा मंदिर सहित दूसरे मन्दिर फिलहाल बन्द होने से श्रद्धालुओं को बिना दर्शन ही वापस लौटना पड़ा। पुष्कर के मुख्य बाजार में रौनक देखने को मिली।

पवित्र ज्येष्ठ माह की निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं ने पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई। अलसुबह से ही सरोवर के 52 घाटों पर श्रद्धालुओ का तांता लग गया। धर्म शास्त्रों और पुराणो में ज्येष्ठ के पवित्र महीने की निर्जला एकादशी पर पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना करने व् दान पुण्य का खास महत्व बताया गया है।

श्रद्धालुओं ने एकादशी पर पुष्कर सरोवर में स्नान कर ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दी और गौवंश को चारा डाला। महिलाओं ने पानी से भरे घड़े दान कर परिवार की खुशहाली की कामना की। नए रंगजी मन्दिर में भी प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रबन्धक सत्यनारायण रामावत के सान्निध्य में श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत प्रदान करने के लिए अमरस पिलाया गया।

निर्जला एकादशी पर तेज गर्मी के बावजूद महिलाएं अन्न जल तक ग्रहण नहीं करती है और उपवास रखती हैं। व्रत रखने एवं तीर्थो में स्नान व दान पुन्य करने से अक्षय गुना फल व पुण्य की प्राप्ति होती है। निर्जला एकादशी पर माता गायत्री का जन्म हुआ था और रुक्मणी विवाह होने का शास्त्रों में बताया गया। पुष्कर में निर्जला एकादशी पर अपने पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए पूजा अर्चना कर दान पुण्य का भी खास महत्व है।