नयी दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने तथा कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों के विकास के माध्यम से बेरोजगारी दूर करने और गरीबी उन्मूलन पर जोर देते हुये मंगलवार को कहा कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ सरकार की प्राथमिकताओं में ऊपर है।
सीतारमण ने यहाँ कृषि एवं ग्रामीण विकास क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा में यह बात कही। उन्होंने इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक एवं सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया तथा कहा कि बेरोजगारी और गरीबी उन्मूलन के लिए कृषि और इससे जुड़े गैर कृषि क्षेत्र को विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने देश के हर क्षेत्र की भागीदारी पर जोर देते हुये कहा कि उन सभी क्षेत्रों की चिंताओं को इसमें शामिल किया जा सकेगा। कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में प्रमुख स्थान पर है।
उन्होंने समुद्री संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए मत्स्य क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप का उपयोग बढ़ाया जाना चाहिये जिससे कृषि बाजार की बाधायें दूर की जा सकें और कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य मिल सके तथा उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर वस्तुयें मिलें।
सीतारमण के साथ इस बजट पूर्व परिचर्चा में कृषि शोध एवं विस्तारित सेवायें, ग्रामीण विकास, गैर कृषि क्षेत्र, वानिकी, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन और कृषि क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप के प्रतिनिधि शामिल थे। इसमें वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, नीति आयोग के सदस्य डॉ़ रमेश चंद्र, वित्त सचिव एस.सी. गर्ग, व्यय सचिव गिरीष चंद्र मौर्य, राजस्व सचिव अजय नारायण पांडे, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार, कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल, ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिंह, भारतीय कृषि अनुसांधन परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महपात्रा, मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यम और दूसरे संबंधित मंत्रालयों के सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसमें नाबार्ड के अध्यक्ष हर्ष कुमार भानवाल, भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चरनजीत बनर्जी के साथ ही कृषि एवं ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।