नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि लोकसभा में राफेल विमान सौदे पर हुई बहस का जवाब देते समय रक्षा मंत्री निर्मला सीमारमण ने मूल प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए।
गांधी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि सीतारमण अपने दो घंटे के जवाब में इस मामले से जुड़े मूल प्रश्नों के उत्तर देने में असफल रही है। उन्होंने राफेल विमान की कीमतों से संबंधित सवालों के जवाब में कुछ नहीं कहा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीतारमण उनके सवालों के जवाब दिए बगैर सदन से चली गई।
गांधी ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि रक्षा मंत्री ने ढाई घंटे तक सदन में जवाब दिया लेकिन कांग्रेस के इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि अम्बानी की कंपनी को राफेल का ठेका किसके कहने पर दिया गया। उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि किस आधार पर एचएएल से काम छीनकर एक निजी क्षेत्र की अनुभवहीन कंपनी को 30 हजार करोड़ रुपए का ठेका दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि हिंदुस्तान की जनता के पैसे से राफेल का सौदा किया जा रहा है लेकिन देश की जनता को यह नहीं बताया जा रहा है कि इन विमानों की कीमत क्या है। इस सौदे के गवाह रहे फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति बता रहे हैं कि राफेल का ऑफसेट सौदा किसको दिया जाना है इस बारे में मोदी ने कंपनी को पहले ही निर्देश दे दिए थे। उन्होंने फिर सवाल किया कि रक्षा मंत्री को यह भी बताना चाहिए कि 126 विमानों की बजाय सिर्फ 36 विमान खरीदने का सौदा क्यों किया गया।
गांधी ने कहा कि पुराना सौदा क्यों बदला गया है इसका भी रक्षा मंत्री ने जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने अपने ढाई घंटे के जवाब में स्वीकार किया है कि विमानों की खरीद पड़ासी मुल्कों में बढ रही हलचल के कारण आपात स्थिति में की गयी है तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि विमान तत्काल क्यों नहीं खरीदे गए।
जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि विमान के निर्माण की एक प्रक्रिया है और उसे बनने में समय लगता है। कांग्रेस सरकार ने दस साल तक इस सौदे को अमली जामा नहीं पहनाया लेकिन मोदी सरकार ने इस सौदे को पारदर्शी तरीके से पूरा किया है और पहला विमान इस साल सितम्बर तक देश को मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि देश को 36 विमान 2022 तक तैयार स्थिति में मिल जाएंगे।