नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में सड़क परिवहन एंव राजमार्ग, पोत परिवहन तथा जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री रहे नितिन जयराम गडकरी पर मोदी ने फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल में भी कैबिनेट मंत्री बनाया है।
नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय के मुख्यालय से कुछ ही कदमों की दूरी पर महल मुहल्ले में पले पढे गडकरी ने नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढाई की और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़कर राजनीति में सक्रिय रहे।
27 मई 1957 को जन्मे गडकरी पहली बार 1989 में महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए और लगातार 2014 तक सदन के सदस्य रहे। वह 1999-2005 तक विधान परिषद में विपक्ष के नेता रहे। वर्ष 1996 में उन्हें महाराष्ट्र सरकार में सार्वजनिक निर्माण मंत्री बनाया गया और 1999 तक वह इस पद रहे। इस दौरान उन्होंने मुंबई-पूना एक्सप्रेस-वे का कई खूबियों के साथ निर्माण कराया जिसके कारण उन्हें खूब प्रसिद्धि मिली।
गडकरी 2009 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए और जनवरी 2010 से 2013 तक वह इस पद रहे। इस दौरान पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और उनके काम को जबरदस्त सरहाना मिली।
लोकसभा के लिए गडकरी पहली बार 2014 में नागपुर से भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे और उन्होंने कांग्रेस के प्रमुख नेता विलास मुत्तेमवार को करारी शकस्त दी। मोदी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया और सडक परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी। बाद में उन्हें ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा पेयजल मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। सितम्बर 2017 में मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान उन्हें जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
सड़कों के निर्माण में पिछले पांच साल के दौरान उन्होंने उल्लेखनीय काम किया है और भाजपा ने आम चुनाव में सड़क परिवहन क्षेत्र में किए मोदी सरकार के काम के बल पर लोगों से वोट मांगे। गडकरी ने भविष्य का भारत, विकास के पथ तथा विकास की राजनीति पुस्तकें भी लिखी हैं।