पटना । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार राजनीतिक विश्वसनीयता खो चुके हैं और अब उनकी महागठबंधन में वापसी संभव नहीं है।
बिहार के कटिहार से पार्टी के सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनवर ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने को लेकर राकांपा की ओर से चलाये जा रहे जनजागरण अभियान की समीक्षा बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार महागठबंधन से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की गोद में जाकर बैठ गये। बिहार के लोगों ने विधानसभा के चुनाव में बड़ी उम्मीद के साथ महागठबंधन को अपार बहुमत से विजय दिलायी थी लेकिन कुमार ने जनादेश का अपमान कर भाजपा से हाथ मिला लिया।
अनवर ने कहा कि ऐसा कर कुमार ने राजनीतिक विश्वसनीयता खो दी है और अब उनका महागठबंधन में वापस आना संभव नहीं है। भाजपा से हाथ मिलाने के बाद प्रदेश के लोगों का अब उनपर से भरोसा समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ठीक ही कहा है कि श्री कुमार किसी भी हालत में महागठबंधन में वापस नहीं आ सकते।
राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि महागठबंधन में कुमार के वापस आने के संबंध में जो भी फैसला होगा वह सभी घटक दलों की राय से ही संभव हो सकेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि कुमार की ओर से अभी तक इस संबंध में कोइ प्रस्ताव नहीं आया है। वैसे बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) महागठबंधन में बड़ा दल होने के नाते जो भी फैसला लेगा वह मान्य है। उन्होंने कहा कि कुमार के संबंध में प्रतिपक्ष के नेता यादव ने जो भी कहा है उससे वह पूरी तरह से सहमत हैं।
अनवर ने कहा कि कुमार आने वाले समय में कब क्या फैसला लेंगे इसकी कोई गारंटी नही ले सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी फैसला आलाकमान के स्तर से ही होता है और ऐसे में कुमार के संबंध में भी किसी तरह का फैसला आला कमान ही लेने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का कोई भी फैसला सामूहिक ही लिया जायेगा।
राकांपा सांसद ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हर हाल में मिलना चाहिए और इसके लिये उनकी पार्टी की ओर से पिछले कई माह से जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। यदि केन्द्र की सरकार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने में किसी तरह की तकनीकी अड़चने आ रही हैं तो विशेष पैकेज की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे कि प्रदेश के लोगों को आर्थिक कठिनाई से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जायें।