पटना। बिहार भारतीय जनता पार्टी ने आज खुलासा किया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) एक सोची-समझी रणनीति के तहत पार्टी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का विलय करने के लिए के साथ मिलकर सरकार बना रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद संजय जयसवाल ने बुधवार को कहा कि जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने अचानक से अपने धुर विरोधी राजद के साथ जाने का निर्णय क्यों किया। यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना और समझना चाहता है। उन्होंने दावा किया कि कुमार एक सोची समझी चाल के तहत राजद के साथ सरकार बनाने को राजी हुए हैं क्योंकि कुमार चाहते हैं कि वह राजद को निगल जाएं यानी राजद का विलय जदयू में कर लें या राजद पर कब्जा कर लें।
जायसवाल ने कहा कि कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ही राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के मॉल घोटाले का दस्तावेज दिखाते थे। इसे लेकर उन पर कार्रवाई करने की बात कहते थे लेकिन आज कुमार और सिंह उसी यादव के साथ चले गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि कुमार ने बिहार की जनता के साथ विश्वासघात किया है लेकिन इसका एक और बड़ा कारण है कि कुमार चाहते हैं कि वह राजद को ही समाप्त कर दें।
सांसद ने कहा कि कई घोटालों में घिरे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार के लोगों का जेल जाना तय है। हाल ही में रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में राजद अध्यक्ष के खास पूर्व विधायक भोला यादव की गिरफ्तारी हुई है। अब इस मामले में राजद अध्यक्ष परिवार के अन्य सदस्य जैसे तेजस्वी प्रसाद यादव और शेष लोगों की गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उसी घड़ी के इंजतार में हैं। जैसे ही लालू परिवार के सदस्य जेल जाएंगे कुमार की कोशिश है कि वह राजद का विलय जदयू में कर कब्जा कर ले।
जायसवाल ने राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर निशाना साधते कहा कि उन्हें (यादव) भी पता है कि उनका घोटालों के मामले में जेल जाना तय है इसलिए उन्हें लगता है कि यदि वह राज्य के उप मुख्यमंत्री बन जाएंगे तो वह जेल नहीं जाएंगे। इसी कारण उन्होंने कुमार को मुख्यमंत्री पद का ऑफर देकर उनके साथ सरकार बनाने की हामी भरी है।
यादव अभी तक खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा बता रहे थे लेकिन अब उन्होंने मुख्यमंत्री का पद कुमार को दिया है तो यह उनका स्वार्थ है। उन्होंने खुद को जेल जाने से बचाने के लिए उप मुख्यमंत्री बनना स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि एक प्रकार से कुमार और यादव ने एक साथ आकर एक दूसरे को साधने की जुगत की है।
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