श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने केन्द्र सरकार की ओर से राज्य की विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करने की रिपोर्टों का खंडन करते हुए इसे अफवाह करार दिया है।
मलिक ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है और यह केवल एक अफवाह है।
मलिक ने राज्य के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35अ को कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35अ कई राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे में है और इस पर बहस जारी है लेकिन लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इन प्रावधानों को कोई खतरा नहीं है।
हाल के समय में ऐसी रिपोर्ट सामने आईं थीं जिनमें कहा जा रहा था कि केन्द्र सरकार राज्य की विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करने की योजना बना रही है, राज्य के प्रमुख क्षेत्रीय दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए एक राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन एक लंबी प्रक्रिया है और यह कुछ दिनों में नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को सच नहीं बताया गया है।
राजनीतिक पार्टियों ने स्वायत्तता और आजादी के नाम पर उनका शोषण किया है। न ही स्वायत्तता और न ही आजादी संभव है। अब, जन्नत के नाम पर राज्य के युवाओं का शोषण किया जा रहा है। कश्मीर एक स्वर्ग है, इसको फलने-फूलने दें। इस्लामिक स्टेट की विचारधारा जहां से उत्पन्न हुई थी वहीं खत्म हो चुकी है।