इस्लामाबाद। भारी आर्थिक तंगी का सामना कर रही इमरान खान सरकार ने मंगलवार को अपना पहला बजट पेश करते हुए रक्षा बजट में कोई बदलाव नहीं किया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में राजस्व राज्य मंत्री हम्माद अजहर ने 2019-20 के लिए 7022 अरब रुपए का अनुमानित बजट पेश किया है जिसमें रक्षा बजट की राशि मौजूदा वित्त वर्ष के बराबर 11 खरब 50 अरब रुपए रखी गई है। कुल बजट में मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है।
हम्माद ने देश की आर्थिक हालत का जिक्र करते हुए कहा कि पांच वर्षों में निर्यात में वृदि्ध नहीं हुई और वित्तीय कुप्रबंधन की वजह से घाटा बढ़ता गया। खर्चीले आयात और सबसिडी निर्यात ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ कर रख दिया।
उन्होंने कहा कि वित्तीय कुप्रबंध की वजह से घाटा 2260 अरब रुपए हो गया। ऊर्जा क्षेत्र का परिपत्र रिण 1200 अरब रुपए हो गया । उन्होंने कहा कि सरकार के उठाए गए कदमों से ऊर्जा क्षेत्र का परिपत्र रिण हर माह 12 अरब रुपए कम हो रहा है।
समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में देश का चालू खाता घाटा 20 अरब डालर और व्यापार घाटा 32 अरब डालर रहा। राजस्व मंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट को 11 खरब 50 रुपए पर बरकरार रखा गया है जबकि असैन्य बजट 460 अरब रुपए से घटाकर 437 अरब रुपए किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कर प्राप्ति सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) का मात्र ग्यारह प्रतिशत है और क्षेत्र में सबसे कम है। एसईपसीपी पंजीकृत कंपिनयों में से केवल आधी नहीं कर अदायगी करती हैं। उन्होंने कहा कि हम इस संस्कृति को बदलेंगे।
गरीबी उन्मूलन के लिए नया मंत्रालय गठित किए जाने का ऐलान करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के लिए कार्यक्रम शुरू किए जायेंगे। सरकार की राशन कार्ड योजना से ब्याज मुक्त रिण दिया जायेगा जिससे 80 हजार लोगों को फायदा होगा।
साठ हजार और महिलाओं को मोबाइल फोन की पहुंच के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में 1800 अरब रुपए की राशि विकास कार्यों के लिए रखी गई है जिसमें 950 अरब रुपए संघीय विकास कार्यों पर खर्च किए जाएंगे।
हम्माद ने बजट में संघीय राजस्व 6717 अरब रुपए रहने का अनुमान लगाया है जो समाप्त होते वित्त वर्ष से 19 प्रतिशत अधिक होगा।
कुल बजट घाटा 3560 अरब रुपए होगा। कुल वित्तीय घाटा जीडीपी का 7.1 प्रतिशत 3137 अरब रुपए रहेगा जो पिछले साल जीडीपी का 7.2 प्रतिशत रहा था। चालू खाते का घाटा आगामी वित्त वर्ष में घटाकर 6.5 प्रतिशत लाने का लक्ष्य है।
मुद्रास्फीति पांच से सात प्रतिशत के बीच रखने का लक्ष्य है। बजट में 17 से 20 ग्रेड वाले सरकारी कर्मचारियों को पांच प्रतिशत तदर्थ राहत का एलान किया गया।
सशस्त्र बल कर्मियों समेत एक से लेकर 16 ग्रेड वाले सरकारी कर्मचारियों की पगार में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी और पेंशन दस प्रतिशत तक बढ़ाने की घोषणा की गई।
इक्कीस और 22 ग्रेड वाले असैनय सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कोई वृदि्ध नहीं की गई है जबकि न्यूनतम मजदूरी 17500 रुपए तय की गई। मंत्री स्वेच्छा से अपनी पगार में से 10 प्रतिशत की कटौती को राजी हुए हैं। बिजली और गैस सब्सिडी के लिए 40 अरब रुपए रखे गए हैं।