नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर देश के विकास की तेज़ रफ्तार, काली कमाई बंद होने, प्रक्रिया पर प्रभाव डालना बंद होने और अदालतों में पेशी होने से तकलीफ बढ़ने के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाने का आरोप लगाते हुए लोकसभा में शुक्रवार को कहा कि ‘मोदी हटाओ’ के एकमात्र एजेंडे पर काम कर रहे विपक्ष का वास्तविक चेहरा सामने आ गया है।
सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस को खुद पर अविश्वास है। अविश्वास से घिरी है और यही अविश्वास उसकी कार्यशैली है। उन्होंने कहा कि योग दिवस, रिजर्व बैंक के गवर्नर, मुख्य न्यायाधीश, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, पासपोर्ट की बढ़ती ताकत, विश्व मंच पर बढ़ते भारत के प्रभाव, ईवीएम और चुनाव अायोग, कांग्रेस को किसी पर विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कि आखिर यह अविश्वास क्यों बढ़ गया है। इसका कारण है कि कुछ मुट्ठी भर लोगों के विशेषाधिकार अब जनाधिकार में बदलने लगे हैं। इसी से उनको बुखार चढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं को प्रभावित करने की ताकत खत्म होने, भ्रष्टाचार पर प्रहार होने, कमाई बंद होने तथा अदालत में पेशी होने से तकलीफ ज़्यादा बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि आज देश ने यह देख लिया है कि किस प्रकार कुछ लोग विकास के खिलाफ है। विपक्ष का चेहरा आज बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का एक मात्र उनकी सरकार को गिराना है, लेकिन यह समझ से परे है कि संख्या बल न होने के बावजूद विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव कैसे पेश कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी सरकार के प्रति विश्वास की परीक्षा मतदाता का विश्वास होता है। यह शक्ति परीक्षण सरकार की नहीं बल्कि कांग्रेस की है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उनकी सीट पर आकर ‘उठने’ के संकेत को लेकर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर देश की सवा सौ करोड़ जनता बैठाती है और वही उठा सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुझे हटाने की इतनी जल्दबाजी क्यों हैं? लोकतंत्र में हमें धैर्य रखना पड़ता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए देश में राजनीतिक अस्थिरता फैलाना मुख्य विपक्षी पार्टी की पुरानी फितरत रही है। सत्ता हासिल करने की जल्दबाजी के कारण कांग्रेस देश में राजनीतिक अस्थिरता फैलाती रही है और अफवाहों को हवा देती रही है। राजनीतिक स्थिरता फैलाकर अपनी स्वार्थसिद्धि करना कांग्रेस की फितरत रही है।
उन्होंने इस संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्रियों- स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह, स्व. मोरारजी देसाई, एच डी देवेगौड़ा, चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल- के नामों का भी उल्लेख किया और कहा कि इन सभी को कांग्रेस ने पूर्व में छला है। नोट के बदले वोट का किस्सा कौन नहीं जानता है।
कांग्रेस को खुद पर भरोसा नहीं
मोदी ने अपनी सरकार की चार साल की उपलब्धियों पर संतोष जताते हुए आज कहा कि पूरी दुनिया उनके काम पर भरोसा जता रही है लेकिन जिस कांग्रेस को खुद पर विश्वास नहीं है वह उनके काम पर कैसे भरोसा कर सकती है।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस का विश्वास हमारे काम के कारण डगमगा गया है। उसे लग गया है कि 2019 में मोदी को उनके काम के आधार पर सत्ता से बाहर नहीं किया जा सकता है। भ्रष्टाचार की उनकी कमाई बंद कर दी गई है इसलिए वे घबड़ाए हुए हैं और परेशान होकर बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा विपक्ष के कई दलों की नकारात्मक सोच है और इस अविश्वास प्रस्ताव के बहाने उनकी इस सोच का पर्दाफाश हो गया है। पूरा देश इस नकारात्मक सोच से परिचित हो गया है। विपक्षी दल और खासकर कांग्रेस का अहंकार और झूठा अात्मविश्वास सबके सामने आ गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए जो काम उनकी सरकार ने किया है कांग्रेस को भरोसा नहीं है क्योंकि उसने कभी किसानों के हित के लिए ऐसा करने का साहस नहीं किया। उनकी सरकार ने किसानों से इंश्योरेंस के प्रीमियम के रूप में 1300 करोड रुपए लिए गए लेकिन बदले में 5500 करोड़ रुपए उन्हें लौटा दिए गए।
इसी तरह से 400 से 450 रुपए में मिलने वाला एलईडी बल्व अब 40 से 45 रुपए में मिल रहा है और अब तक सौ करोड़ एलईडी बल्व बिक चुके हैं तथा 62 लाख से ज्यादा एलईडी गलियों में चमक रहे हैं और देश की बिजली बचा रहे हैं लेकिन कांग्रेस को इस पर भी भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पर पूरी दुनिया भरोसा कर रही है और इसे दुनिया की सबसे तेज तथा छठे स्थान की अर्थव्यवस्था बताया गया है लेकिन कांग्रेस को इस पर भी भरोसा नहीं है। उसे देश की जनता पर भी भरोसा नहीं इसलिए डिजिटल लेनदेन का विरोध करती थी और कहा जाता था कि देश की जनता इतना पढी लिखी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से सरकार ने 90 हजार करोड रुपए गलत हाथों में जाने से बचाए हैंं।
राहुल के कारण फ्रांस को जारी करना पड़ा बयान
मोदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राफेल सौदे को लेकर संसद में दिए गए ‘बचकाना’ बयान के कारण भारत और फ्रांस दोनों देशों को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। राहुल गांधी ने राफेल सौदे के संबंध में सदन में बचकानी बात कही थी जिसको लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए दोनों देशों को बयान जारी करना पड़ा।
गांधी ने प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा था कि मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे के बारे में यह कहते हुए गलतबयानी की थी कि गोपनीयता की शर्तों के तहत उसकी कीमत नहीं बतायी जा सकती है जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति ने उनसे मुलाकात के दौरान बताया कि ऐसा कोई करार नहीं हुआ है।
मोदी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि देश से जुड़े विषयों पर खेल खेले जा रहे हैं। यह दुखद स्थिति है कि सदन में इस तरह के हल्के बयान दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बचकाना बयान देने से बचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने डोकलाम मुद्दे को लेकर भी गांधी को करारा जवाब दिया और कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं होती है और बिना जानकारी के ‘बचकानी’ बातें करते हैं। जब पूरा देश डोकलाम को लेकर चीन के विरुद्ध खड़ा था, उस दौरान तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष (राहुल गांधी) चीन के राजदूत से मिल रहे थे। बात का खुलासा हुआ तो बगलें झांकने लगे और कभी हां तो कभी ना के अंदाज में सफाई दी जाने लगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने तो पहले इनकार ही कर दिया था कि मुलाकात हुई है लेकिन बाद में पार्टी ने कहा कि मुलाकात हुई थी।
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