नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ टीडीपी की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस की लाख कोशिशों के बावजूद धडाम हो गया। प्रस्ताव के पक्ष में महज 126 वोट पडे।
सुबह करीब 11 बजे शुरु हुई अविश्वास प्रस्ताव पर बहस रात 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के बाद समाप्त हुई। इसके बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने वोटिंग कराई। वोटिंग के बाद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 126 वोट तथा सरकार के पक्ष में 325 वोट पडे। अविश्वास प्रस्ताव में 451 सांसदों ने वोटिंग में भाग लिया।
तेलुगुदेशम् पार्टी सदस्य के. श्रीनिवास द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 10 घंटे चली चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब डेढ़ घंटे तक जवाब दिया। इसके बाद मत विभाजन में प्रस्ताव के पक्ष में 126 और विरोध में 325 मत पड़े।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मत विभाजन का ब्योरा देते हुए घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। प्रस्ताव में कहा गया था – यह सदन मंत्रिपरिषद् के प्रति अविश्वास व्यक्त करता है।
बीजू जनता दल ने प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने से पहले ही सदन से यह कहते हुए बहिर्गमन कर दिया था कि पिछले 14 साल में संप्रग और राजग सरकारों के कार्यकाल में ओडिशा की जनता के साथ लगातार अन्याय हुआ है तथा इस चर्चा से भी राज्य को कोई लाभ नहीं होने वाला है, इसलिए उनकी पार्टी सदस्य सदन से बाहर जा रहे हैं।
सरकार में शामिल शिवसेना ने भी चर्चा का बहिष्कार किया। लोकसभा के असंबद्ध सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी मतदान से ठीक पहले यह कहते हुए सदन से बहिर्गमन किया कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।
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