जयपुर/मिर्जापुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मची खींचतान की वजह से राज्य में फिलहाल किसी तरह के संवैधानिक संकट से इंकार करते हुए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को कहा कि वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे अभी उनके पास नहीं आए हैं।
मिश्र ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजस्थान में सरकार के संकट का विषय फिलहाल उनके संज्ञान में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार के वजूद को लेकर उपजे मौजूदा हालात में फिलहाल उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि वहां जो कुछ भी हो रहा है, वह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। राज्यपाल ने कहा कि जब मेरे पास यह विषय आएगा, तब देखा जाएगा।
मिश्र ने शारदीय नवरात्रि के दौरान आज विंध्य क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी मां विंध्यवासिनी के दर्शन के बाद संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि राजस्थान में अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं है। मिश्र को पूजा अर्चना एवं अनुष्ठान विंध्य धाम के पुरोहित एवं स्थानीय भाजपा विधायक रत्नाकर मिश्र ने संपन्न कराए।
दर्शन पूजन के बाद रत्नाकर होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजस्थान में गहराए सियासी संकट पर राज्यपाल ने कहाकि यह सत्तारूढ़ कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। कांग्रेस अभी इस गतिरोध को खत्म करने में लगी है। भविष्य में यदि मेरे हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ेगी तो उचित वैधानिक निदान किया जाएगा।
राज्यपाल मिश्र ने कांग्रेस के 90 विधायकों द्वारा इस्तीफा दिए जाने को भी सत्तारूढ़ दल का अंदरूनी मामला बताया। बतौर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा किमैं वहां संवैधानिक प्रमुख हूं और गहलोत कार्यपालिका प्रमुख हैं। संवैधानिक विषयों पर वह राज्य सरकार को दिशा देते रहते हैं।
मिश्र ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रवास पर थे। अब वह सीधे जयपुर रवाना हो रहे हैं। उनके यहां आगमन पर मिर्जापुर के मंडल आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र सहित अन्य अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।
राजस्थान के घटनाक्रम पर खडगे-माकन ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट