नयी दिल्ली । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को राष्ट्रपति अभिभाषण में सरकार के कामकाज काे लेकर दिये गये आंकड़ों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार अपनी विश्वसनीयता खो बैठी है। सांख्यिकी विभाग के आंकड़े भी विश्वसीय नहीं रह गये हैं। राेजगार के बारे में सरकार ने भी कोई आंकड़े नहीं दिये।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि बेरोजगारी की दर सबसे ऊंची है। ग्रामीण भारत में पुरुषों की बेराेजगारी दर 13 प्रतिशत एवं महिला बेरोजगारी दर 17 प्रतिशत है। जबकि शहरों में ये आंकड़े क्रमश: 18.7 प्रतिशत एवं 27 प्रतिशत हैं। जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में बेरोजगारी की दर 2.2 प्रतिशत थी जो अब छह प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है। उन्होंने सरकार पर अारोप लगाया कि ये आंकड़ों की बाज़ीगरी में विश्वास रखती है। सकल घरेलू उत्पाद के बारे में भी सरकार ने यही किया था।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि निश्चित रूप से सरकार की उपलब्धियां शानदार रहीं हैं। इसलिए राष्ट्रपति का अभिभाषण भी उतना ही शानदार रहा। केन्द्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता रामविलास पासवान ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति अभिभाषण को ऐतिहासिक बताते कहा कि इसके माध्यम से राजग सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार पर आक्षेप किए बिना अपने साढ़े चार साल के कामकाज का विवरण बहुत सरल ढंग से जनता के सामने रखा है।
पासवान ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति महोदय ने जिस सरल भाषा में सरकार का नाम लिये बिना और पूर्ववर्ती सरकार पर आक्षेप किये बिना ही साढ़े चार साल के दौरान किये गये काम के तथ्यों को देश के सामने रख दिया है। इस लिहाज से यह एक ऐतिहासिक भाषण है।
सूचना प्रसारण, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इस भाषण में सरकार ने छाती ठोक कर ईमानदारी एवं सच्चाई से बताया है कि ये आज का नया इंडिया है और युवा पूरी ताकत और जिम्मेदारी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि रोजगार एवं किसानों के सभी मुद्दों का समाधान के लिए पांच साल से अधिक वक्त लगेगा लेकिन सरकार ने बहुत योजनाबद्ध ढंग से उस दिशा में कदम बढ़ाये हैं। बीज से बाज़ार और खेत से प्रयोगशाला को जोड़ा जा रहा है। मोदी ने कहा है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे तो ऐसा अवश्य होगा। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसकी हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी है।
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण ने कई बार सदस्यों को भावुक किया। उन्होंने गरीबों के हर मुद्दे को छुआ और उसके समाधान के लिए उठाये गये कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जनता में सरकार का विश्वास बढ़ाने में कामयाबी मिली है। रोजगार से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से स्वरोजगार के क्षेत्र में बहुत वृद्धि हुई है। लोग नौकरी पाने वाले की बजाय नौकरी देने वाले बने हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रेमसिंह चंदूमाजरा ने कहा कि साढ़े चार की उपलब्धियों में कुछ बातें छूट गयीं हैं। गरीबों, किसानों एवं युवाओं के बारे में सरकार की नीति को लेकर सदन में चर्चा के दौरान वह अपनी बात रखेंगे।