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भारतीय लोकतंत्र में किसी के साथ जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं : मोदी - Sabguru News
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भारतीय लोकतंत्र में किसी के साथ जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं : मोदी

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भारतीय लोकतंत्र में किसी के साथ जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं : मोदी

वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उठाई जा रही आशंकाओं को गुरुवार को खारिज करते हुए कहा कि लोकतंत्र भारत की रगों में है, और देश में जाति धर्म भौगोलिक क्षेत्र या उम्र के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

अमरीका की राजकीय यात्रा पर आए मोदी यहां राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ व्हाइट हाउस में वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उठाए गए मीडिया के एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबके प्रयास की मूल भावना के साथ काम कर रही है।

मोदी ने कहा कि भारत सरकार हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए संविधान के अनुसार कार्य करती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मतलब ही है किसी भी प्रकार के भेदभाव से मुक्त शासन व्यवस्था, बराबरी के अधिकार के बगैर लोकतंत्र हो ही नहीं सकता।

जलवायु परिवर्तन से जुड़े एक प्रश्न पर अमरीकी राष्ट्रपति की बात को आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पेरिस जलवायु सम्मेलन में जो भी वादे किए थे उसे पूरे करने वाला जी20 समूह का पहला देश है।

उन्होंने भारत द्वारा स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भारत द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही विभिन्न पहल का विस्तार से ब्यौरा देते हुए कहा कि भारत यह सब इसलिए नहीं कर रहा है कि कार्बन उत्सर्जन बढ़ाने में भारत का हाथ है, बल्कि भारत के लिए प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा आस्था का प्रश्न है।

मोदी ने विश्वास जताया कि विकसित देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जरूरतमंद देश को प्रौद्योगिकी और धन की मदद मिलेगी और इसे प्रकृति की रक्षा की दिशा में वास्तविक सुधार दिखेंगे। मोदी ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियां के लिए प्राकृतिक संकटों से मुक्त दुनिया बनानी है।

इससे पहले अपने वक्तव्य में मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और अमरीका के संबंधों के इतिहास में एक विशेष महत्व रखता है। आज की हमारी चर्चा और हमारे द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों से भारत अमरीका वैश्विक सामरिक भागीदारी में एक नया अध्याय जुड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के फैसलों से भारत अमरीका संबंधों को एक नई ऊर्जा मिली है। यह नई ऊर्जा न केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मोदी ने कहा कि अमरीका आज भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हमने निर्णय लिया है कि व्यापार से जुड़े लंबित मुद्दों को समाप्त कर नई शुरुआत की जाए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की ओर से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग का निर्णय किया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर , अंतरिक्ष, क्वांटम और दूरसंचार जैसे क्षेत्र में हम अपना सहयोग बढ़ाकर एक मजबूत और भविष्योन्मुखी साझेदारी विकसित करेंगे।

अमरीका की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करने का निर्णय, इस फ्यूचरिस्टिक भागीदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान मुझे अमेरिका की कई बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। उनमें भारत के बारे में एक नई सकारात्मक सोच और उत्साह दिखा।

मोदी ने कहा कि भारत अमरीका सामरिक भागीदारी को आगे बढ़ाने में उद्योग-व्यवसाय और अकादमी संस्थाओं का साथ आना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रगति के लिए भारत अमरीका सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, इनमें ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्टोरेज, कार्बन कैप्चर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हमने यह भी निर्णय लिया है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत और अमरीका ट्रस्टेड पार्टनर्स की तरह विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने में सहयोग करेंगे।

मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच करीबी रक्षा सहयोग हमारे परस्पर विश्वास भरे राजनीतिक संबंधों का प्रतीक है। पुराने क्रेता-विक्रेता के संबंध को पीछे छोड़कर हम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सह-विकास और सह-उत्पादन की ओर बढ़ चुके हैं।

मोदी ने कहा कि जीई एयरोस्पेस द्वारा भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से जेट इंजन बनाने का निर्णय एक ऐतिहासिक कदम है। इससे दोनों देशों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और आने वाले समय में यह हमारे रक्षा सहयोग को एक नया स्वरूप देगा। इस सहयोग में दोनों देशों के रक्षा उद्योग और स्टार्ट अप भी भागीदार हैं। इन्हें आपस में जोड़ना हमारे रक्षा उद्योग की बृहद योजना का हिस्सा है। आज हमने अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग की आर्टमिस संधि में शामिल होने का निर्णय लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र में अमेरिका के साथ सहयोग की दिशा में एक लंबी छलांग लगाई है। भारत और अमेरिका की साझेदारी के लिए आसमान से भी ऊंची संभावनाएं हैं।

मोदी ने कहा हमारे संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है दोनों देशों की जनता के बीच के पारस्परिक संबंध। भारतीय मूल के 40 लाख से अधिक लोग आज अमरीका की प्रगति में हाथ बंटा रहे हैं।