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No efforts done to stope leakege from sanitation contract in Sirohi - Sabguru News
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डेढ साल में लागू नहीं हो सके सफाई ठेके से लीकेज रोकने के नियम

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डेढ साल में लागू नहीं हो सके सफाई ठेके से लीकेज रोकने के नियम
सिरोही नगर परिषद
सिरोही नगर परिषद
सिरोही नगर परिषद

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही नगर परिषद के पूर्व बोर्डों पर सफाई ठेके में अनियमितता के आरोप लगते रहे। इसे मासिक तनख्वाह के रूप में कमाई का स्थाई स्रोत होने का आरोप भी लगा। ये आरोप सिर्फ सिरोही में लगते हों ऐसा नहीं है, अधिकांश नगर निकायों में ये भ्रष्टाचार का प्रमुख स्रोत है।

इस लीकेज को रोकने के लिए एक दशक पहले डीएलबी ने नियम भी बना रखे हैं। लेकिन, सिरोही विधायक संयम लोढ़ा के आह्वान के बाद सिरोही में कांग्रेस का बोर्ड बने डेढ़ साल बीतने पर भी इस लीकेज की आशंका को रोकने के प्रभावी कदम उठाने का प्रयास नहीं हुआ। यही कारण है कि जोनवाइज पर्याप्त सफाईकर्मियों का ठेका उठने के बाद भी शहर में सफाई के नाम पर लोगों को अपने पार्षदों को और पार्षदों को नगर परिषद आयुक्त को शिकायतें करनी पड़ती है।
-इस तरह लीकेज होने के लगे आरोप
निकायों में सफाई ठेके के माध्यम से भ्रष्टाचार की बैतरणी बहाने के आरोप गाहे-बगाहे सिरोही व राज्य की अन्य निकायों पर लगते रहे हैं। सफाई ठेके में सफाईकर्मियों को ठेके पर लगाया जाता है। किसी निकाय में डेढ़ सौ सफाई कर्मियों को लगाया। प्रति कार्मिक यदि दो सौ रुपये भी मानदेय तय हो तो प्रतिदिन सफाई कर्मिकों के ठेके का 30 हजार रुपये मानदेय के ही होते हैं।

महीने के नौ लाख रुपये हो गए। अब पूरे शहर में डेढ़ सौ में से मात्र 120 या 130 ही कार्मिक लगाए जाएं और प्रतिदिन 20 से तीस कार्मिकों का पैसा बचा लिया जाए तो हर दिन करीब 4 से छह हजार का लीकेज हो जाएगा। महीने में डेढ़ लाख की कमाई। इस पर नजर रखने के लिए सरकार ने कायदे बनाए हैं, लेकिन सिरोही नगर परिषद में डेढ़ साल बाद भी उन पर अमल नहीं हुआ है।
– हर वार्ड और गली में वाल पेंटिंग
ठेकेदारों को उनके पास काम करने वाले सफाईकार्मिकों की सूची नगर निकायों को देनी होती है। नगर निकाय को शहर में बांटे गए जोन के अनुसार उस क्षेत्र में काम करने वाले वाले कार्मिकों की सूचना वाल पेंटिंग के माध्यम से उस वार्ड व गली में रखनी होती है।

जिस तरह पुलिस विभाग द्वारा हर वार्ड और गली में बीट के कांस्ट्रबल, हेड कांस्टेबल, बीट के थाने के अधिकारी का नाम और मोबाइल नम्बर की सूचना चस्पा होती है, ठीक उसी तरह की वॉल पेंटिंग नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी, सफाइ्र निरीक्षक, सफाई ठेकेदार, जमादार और सफाईकर्मियों के नाम और मोबाइल नम्बरों के साथ लगानी होती है। लेकिन, सिरोही में ऐसा कही भी नजर नहीं आ रहा है।
-ये है लीकेज पकडऩे का दूसरा तरीका
सफाई कर्मचारियों की हेराफेरी रोककर भ्रष्टाचार निरोधित करने का दूसरा राइडर है श्रम कानून के प्रावधान। सभी निकायों में प्रावधान है कि ठेकेदार अपने मातहत काम करने वाले सफाईकर्मियों के मानदेय का भुगतान चेक के माध्यम से करेगा। श्रम विभाग में हर महीने उनकी इंद्राज का वेरीफिकेशन करवाएगा। सिरोही नगर परिषद में इस तरह के काम होने की भी कोई जानकारी नहीं है।

लगातार….