नई दिल्ली। सेना ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद सेना के जवानों के लापता होने की मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए गुरुवार को कहा कि कोई सैनिक लापता नहीं है।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई जवान लापता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बयान अमेरिकी अखबार ‘न्यूयार्क टाइम्स’ में बुधवार को प्रकाशित एक आलेख के संदर्भ में है।
गौरतलब है कि सोमवार रात गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुईझड़प में एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए। दोनों देशों के बीच लगभग पांच दशक बाद हुई इस झड़प में चार सैनिक गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इससे पहले अक्टूबर 1975 में सीमा पर संघर्ष में भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।
घायल जवान जल्द ड्यूटी पर लौटेंगे
सेना ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में घायल हुए जवानों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है और इनमें से ज्यादातर एक सप्ताह में ड्यूटी पर लौट आएंगे।
सेना ने मंगलवार को बताया था कि सोमवार रात को हुई इस हिंसक झड़प में उसके एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे। सेना के सूत्रों ने आज कहा कि झड़प के दौरान घायल हुए जवानों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि घायलों में से 18 जवान लेह स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती हैं और ये 15 दिन के अंदर ड्यूटी पर लौट आएंगे। अन्य अस्प्तालों में 58 जवानों का उपचार चल रहा है और इन्हें मामूली चोट लगी है।
इन सबके एक सप्ताह के भीतर ड्यूटी पर लौटने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच पिछले एक महीने से भी अधिक समय से सैन्य गतिरोध बना हुआ है।