नई दिल्ली। नागरिकता पर हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने शुक्रवार को साफ किया कि दस्तावेज नहीं होने की दशा में गवाहों के आधार पर भी भारतीय नागरिकता सिद्ध की जा सकेगी।
गृह मंत्रालय ने एक ट्वीट श्रृंखला में कहा कि यदि किसी नागरिक में पास भारतीय नागरिकता सिद्ध करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होगा तो उसे उसके समुदाय के गवाहों तथा स्थानीय दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता दे दी जाएगी। इस संबंध में विस्तृत प्रक्रिया बाद में जारी की जाएगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार वर्ष 1971 से पहले जन्में लोगों को अपने माता पिता या दादा दादी के कोई दस्तावेज पेश करने की जरुरत नहीं होगी। नागरिकता जन्म स्थान या जन्म दिन के आधार पर दी जा सकेगी। इस संंबंध में नागरिकाें को परेशानी के लिए दस्तावेजों की विस्तृत सूची जारी की जाएगी।