मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने मंगलवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय की अवकालीन पीठ ने उन्हें यह भी कहा है कि छुट्टी के बाद न्यायालय के फिर से खुलने के बाद वे नियमित पीठ से संपर्क करें। अदालत आईसीआईसीआई ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली कोचर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए ऋण में अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया था, जब वह प्रभारी थीं।
चंदा कोचर को 2018 में वापस उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और गैस अन्वेषण फर्म वीडियोकॉन के पक्ष में पक्षपाती ऋण देने के आरोपों का सामना करने के बाद पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक के ऋण में अनियमितताओं का पता चला था और दीपक कोचर, परिवार के अन्य सदस्यों के साथ, चंदा कोचर की निगरानी में हुए लेन-देन से लाभान्वित हुए।
सोमवार को सीबीआई ने वीडियोकॉन के सीईओ वेणुगोपाल धूत की गिरफ्तारी के साथ मामले में तीसरी गिरफ्तारी की। तीनों को कल 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था।