लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को साफ किया कि कोविड-19 महामारी को लेकर सरकार फिलहाल कोई नया कर लागू करने के मूड में कतई नहीं है।
योगी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछले महीने की तुलना में मई में राजस्व संग्रह की स्थिति सुधरी है क्योंकि औद्योगिक और निर्माण गतिविधियां शुरू हुई है। लाकडाउन में निर्माण कार्यो को शुरू करने में ढील दी गई है।
उन्होंने कहा कि यह समय लोगों को राहत देने का है और इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि कोई अतिरिक्त टैक्स का भार जनता पर नहीं डाला जाएगा।
उन्होने कहा कि कई आर्थिक गतिविधियों में सुधार की संभावना है। एमएसएमई सेक्टर राजस्व का पहिया तेजी से घुमाएगा। हमने कई योजनाये स्थानीय स्तर पर लाएंगे। प्रवासी श्रमिक हमारी पूंजी है। वे अब तक दूसरे राज्यों के भविष्य का निर्माण करते आए हैं और अब उन्हें उत्तर प्रदेश के सुनहरे अध्याय को लिखने का मौका मिला है।
पिछली छह मई को उत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पर दो रूपए प्रति लीटर और डीजल पर एक रूपया प्रति लीटर का वैट लगाया था। सरकार ने शराब पर आबकारी कर को बढाया था।
एक सवाल पर कि यूपी में बेरोजागारी की समस्या काफी विकट है तो ऐसे में इतनी बडी तादाद में प्रवासियों को सरकार किस तरह रोजगार देगी, योगी ने कहा कि 2018 की इन्वेस्टर्स समिट के बाद दो बड़ी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हुई जिसमें तीन लाख करोड़ का निवेश प्रदेश में हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि इसके अलावा चीन को छोड़ने वाली कई बड़ी कंपनियों का पंसदीदा स्थान उत्तर प्रदेश बन रहा है और उन्होंने यहां निवेश में रूचि दिखलायी है।
योगी ने कहा कि एक जर्मन कंपनी यूपी में आने का फैसला कर चुकी है जबकि कई और कंपनियां यहां अपने प्रतिष्ठान स्थापित करेंगी। इसके लिए मंत्रियों की एक समिति गठित की गई है। हमने अमरीका, कोरिया और जापान के लिए अलग डेस्क की स्थापना की है। हम और कंपनियों से बात कर रहे हैं। हमने उनकी जरूरताें को समझा है और हमारी कोशिश है कि उनको यथासंभव अच्छी सुविधायें दे सकें।
उन्होंने कहा कि हम संकट को अवसर में बदलने के लिए कटिबद्ध हैं। यदि हम यह करने में सक्षम होते हैं तो हम अपने प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के दरवाजे खोल सकते हैं और लाखों लोगों को अपने घर में ही रोजगार मिल सकेगा।