परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान के गांवों में अब सड़कों गलियों और खुले में गंदगी फैलाने वालों पर आर्थिक दंड लगेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर राजस्थान के गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 को लागू कर दिया गया है।
सभी जिला परिषदों में इसके लिए उपविधियों को स्वीकृत करने के लिए एक साधारण बैठके होने के बाद इसी सप्ताह में इसे गजट में प्रकाशित कर दिया जाएगा। सिरोही जिले में भी मंगलवार को जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया की अध्यक्षता आयोजित सामान्य बैठक में उपविधियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। अगले सप्ताह से गांवों में गंदगी फैलाने के लिए ग्रामीण शास्ति के पात्र मने जाएंगे।
-गजट प्रकाशन के बाद ये होगा
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल यानि एनजीटी ने एप्लिकेशन संख्या 606/2018 पर सुनवाई करते हुए 16 फरवरी 2016 को ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन नियम लागू करने के आदेश दिए थे। राजस्थान सरकार ने इसकी उपविधि बनाकर सभी जिला परिषदों को जुलाई में भेजी थी। इसे ग्राम पंचायतों में 30 दिन तक प्रदर्शित करके आपत्तियां लेनी थी। इसके बाद जिला परिषद की साधारण बैठक में इस उपविधि को पारित करके इसे राजपत्र में अधिसूचित करवाना था।
विधान सभा सत्र चलने कब कारण ये काम पहले नहीं हो सका। पंचायती राज विभाग ने राज्य के सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को 13 सितंबर को साधारण बैठक में इसे पास करके 16 सितंबर तक गजट में अधिसूचित करवाने कब आदेश दिए थे। इस गजट नोटिफिकेशन के बाद ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शहरों की तरह कचरा संग्रहण के लिए शुल्क देना होगा। ये शुल्क घरों में ₹10 प्रतिमाह होगा।
वहीं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए ये ₹150 से ₹3000 रुपये तक होगा। इसकी इन उपविधियों के लागू होने के बाद गांव में गंदगी फैलाने पर 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक शास्ति होगी। पुनरावृत्ति पर ये जुर्माना बढ़ता जाएगा।
-खुले में नहाने से लेकर गायों के सड़क पर गोबर करने का भी दंड
जिन जिला परिषदों में ये उपनियम हूबहू लागू हो गए हैं वहां पर सड़क पर या खुले में नहाने और कपड़े ध9ने से लेकर गाय-भैंस के सड़क पर गोबर करने तक पर जुर्माना वसूला जाएगा। सिरोही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हकीम ताज ने बैठक में उक्त दो शास्तियों के अलावा एक शुल्क में राहत देने का संशोधन प्रस्ताव रखा। जिसे सदन ने पास कर दिया। उपनियमो को नोटिफिकेशन के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। सिरोही जिले में छात्रावासों से कचरा संग्रहण के लिए ली जाने वाली शुल्क में भी राहत दी गई है।
-सम्भवतः पहली बार जवाबदेहिता लागू की
शहरी निकायों के विपरीत पंचायतों में लागू होने वाले इस नियम में संभवतः पहली बार जवाबदेही भी तय की गई है। इसके अनुसार यदि कोई कार्मिक इन उपनियमों की पालना में कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के लिए एनजीटी के आदेश पर लागू होने वाले इस नियम में ढिलाई बरतने पर कहीं राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है।
वैसे इसके लिए पहले जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, लेकिन ये तय है कि ये नियम एनजीटी के आदेशों से लागू हुके हैं इसलिए इनमें कोताही की संभावना नगण्य है। ऐसा होने पर शिकायतकर्ता का एनजीटी में जाना कार्यपालक एजेंसी और उल्लंघनकर्ता दोनो को भारी पड़ सकता है।
-सड़क पर गोबर रखा तो शास्ति
ग्रामीण पर्यावरण सुरक्षा के लिए एनजीटी के आदेश पर लागू इन नियमों में कई तरह के उल्लंघन पर आर्थिक दंड हैं। सड़क व गली में कचरा फेंकने, थूकने, खुले में नहाने, खुले में लघुशंका, खुले में शौच खुले में गोबर डालने पर शास्ति वसूलने के प्रावधान है। इसके अलावा कचरे के पृथक्कीकरण, भंडारण एवं एकत्रीकरण में लापरवाही पर अर्थदंड का प्रावधान है। सड़कों पर निर्माण सामग्री बिखेरने, पोस्टरों से दीवारें खराब करने, गंदे पानी को सड़कों पर फैलाने, बिना स्वीकृति के रोड कट करने समेत करीब 3 दर्जन से ज्यादा उल्लंघनों में शास्ति के प्रावधान हैं।
इनका कहना है…
एनजीटी के आदेशानुसार राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन के उपविधि साधारण बैठक में पारित करवा ली है। सिरोही में 3 शुल्क और शास्ति में संशोधन कर राहत देने की कोशिश की है। इसे गजट नोटिफिकेशन के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हकीम ताज
कर्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी
जिला परिषद, सिरोही।