सबगुरु न्यूज-सिरोही। कोरपोरेट वल्र्ड और राजनीति में एक कहावत बहुत प्रचलित है। सिपाही मार सेनापति। यानि वो सेनापति जो किसी भी विपरीत परिस्थिति में मरने के लिए अपनी सेना को आगे करता है खुद आगे नहीं आता। सिरोही में यही हाल भाजपा में देखने को मिला।
पांच साल पहले नवम्बर के अंतिम सप्ताह में भाजपा के प्रत्याशी ताराराम माली इसी नगर परिषद परिसर में सभापति चुने गए थे। इस दौरान जीत का सेहरा सिर पर बंधना निश्चित था। ऐसे में भाजपा के जिलाध्यक्ष, विधायक, संयोजक, सह संयोजक, चुनाव प्रभारी आदि नेता भी इस जीत का सेहरा सिर बांधने के लिए परिणाम की घोषणा तक यहां पर टिके रहे। इस बार भाजपा को सिरोही नगर परिषद ने मुंह की खिलाई।
वेंटीलेटर में पहुंची भाजपा के पार्षद इस बार भी नगर परिषद में वोट डालने आए। उन्हें तीन ट्रिप में एक कार में सिरोही नगर अध्यक्ष महिपालसिंह छोडक़र गए। उनके साथ न तो प्रभारी थे, न संयोजक न ही कोई और पदाधिकारी। कुल मिलाकर चुनाव से पहले भाजपा को हथियार डालने के लिए मजबूर करने वाले सभी पदाधिकारी आज नदारद दिखे।