चित्रदुर्ग। कर्नाटक में मुरुघा मठ मामले में समाने आई मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों लड़कियों का यौन उत्पीड़न आरोपी द्रष्टा डॉ. शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू द्वारा नहीं किया गया है। रिपोर्ट उनके बयानों के विपरीत है कि द्रष्टा ने उन पर यौन उत्पीड़न के लिए हमला किया था।
आश्चर्यजनक रूप से पीड़ितों में से एक ने शुरू में चिकित्सा परीक्षण पर आपत्ति व्यक्त की थी। उसने दावा किया था कि उस पर यौन उत्पीड़न का हमला किया गया था। बाद में लड़की परीक्षा के लिए राजी हुई थी।
इसके अलावा, चित्रदुर्ग प्रमुख जिला और सत्र अदालत ने सात दिसंबर को एक पूर्व मुरुघा मठ प्रशासक को एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसमें एक बर्खास्त कर्मचारी एक लड़की नौजवान को मामला दर्ज करने के लिए उकसा रही है।
चित्रदुर्ग पुलिस ने द्रष्टा के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था जिसमें लड़कियों के यौन उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और नशीला पदार्थ देने का आरोप लगाया है। आरोपपत्र में कहा गया है कि द्रष्टा ने मुरुगा मठ छात्रावास में रहने वाली लड़कियों को नशा दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
चिकित्सा परीक्षण चित्रदुर्ग जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया गया। एक लड़की की 28 अगस्त और दूसरी की 29 सितंबर को जांच की गई थी। अभी तक की रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 26 अगस्त को द्रष्टा के खिलाफ पहला पॉस्को और उत्पीडन का मामला दर्ज किया गया था। इसी तरह के प्रावधानों के तहत दूसरा मामला 13 अक्टूबर को दायर किया गया था। इसके बाद एक सितंबर को द्रष्टा को गिरफ्तार कर लिया गया था। संत ने उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है।