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शिक्षा विभाग में किसी भी श्रेणी का एक भी पद रिक्त नहीं रहेगा : देवनानी - Sabguru News
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शिक्षा विभाग में किसी भी श्रेणी का एक भी पद रिक्त नहीं रहेगा : देवनानी

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शिक्षा विभाग में किसी भी श्रेणी का एक भी पद रिक्त नहीं रहेगा : देवनानी
rajasthan education minister vasudev devnani
rajasthan education minister vasudev devnani
rajasthan education minister vasudev devnani

जयपुर। राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रदेश में शिक्षा विभाग में 77 हजार 100 रिक्त पदों को अगामी छह माह में भर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 5-6 महीने में इन भर्तियों के होने के बाद शिक्षा विभाग में किसी भी श्रेणी का एक भी पद रिक्त नहीं रहेगा।

देवनानी ने बुधवार को विधानसभा के प्रश्नकाल में विधायक द्रोपति के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा पदों को नहीं भरने के कारण सरकार को विरासत में 52 प्रतिशत पद रिक्त मिले थे। राज्य सरकार ने 67 हजार पदों पर नई नियुक्तियां की हैं और 1 लाख 9 हजार पदोन्नतियां की हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल खोलने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। इसी को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों का समन्वय और क्रमोन्नयन किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य को नेशनल अचीवमेंट सर्वे में कक्षा 3 में तीसरा, कक्षा 5 में दूसरा और कक्षा 8 में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में 91 प्रतिशत विद्यार्थियों ने ए प्लस, ए ओर बी ग्रेड प्राप्त की है।

देवनानी ने कहा कि आरटीई के तहत हर एक किलोमीटर पर प्राथमिक, दो किलोमीटर पर उच्च प्राथमिक तथा 5 किलोमीटर पर माध्यमिक विद्यालय की अनिवार्यता है, जबकि राज्य सरकार हर 5 किलोमीटर पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने के लिए प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि दूरी की वजह से कोई विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न हो, इसके लिए कक्षा 9 की प्रत्येक छात्रा को साइकिल दी जाती है और विद्यार्थियों के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर की व्यवस्था भी की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा में एसआईक्यूई के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। जिसमें सुधारात्मक रूप से एनसीईआरटी नई दिल्ली द्वारा निर्धारित आउटकम के आधार पर राज्य में सीखने के प्रतिफल (लर्निंग आउटकम) निर्धारित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक बच्चे के शैक्षिक स्तर की स्तरानुसार प्राप्ति हेतु योजना बनाकर शिक्षण एवं आकलन किया जाता हैं।