मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के समक्ष अभीतक मुसलमान आरक्षण पर कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
ठाकरे ने बजट सत्र के दौरान विधान भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुसलमान आरक्षण के बारे में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है। यदि प्रस्ताव आता है जो उसकी वैधता की जांच होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। शिवसेना जो तय करेगी उसके अनुसार ही मेरा रूख होगा।
ठाकरे ने कहा कि मैं उन लोगों से भी आग्रह करता हूं जो इस मामले में हंगामा कर रहे हैं वे अपनी ऊर्जा बचा के रखें क्योंकि अभी तक यह मामला चर्चा के लिए आया ही नहीं है। हालांकि शिव सेना ने अपना रूख स्पष्ट नहीं किया।
गौरतलब है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने विधान परिषद को सूचित था कि राज्य सरकार मुसलमानों को शिक्षा में पांच प्रतिशत कोटा प्रदान करेगी। राकांपा नेता मलिक ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस आशय का कानून जल्द ही पारित हो। इसके बाद ही उद्धव ठाकरे ने यह बयान दिया है।
अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे की पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादक के रूप में नियुक्ति पर, ठाकरे ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद ‘अप्रत्याशित रूप से’ मिलने के बाद उन्हें संपादक का पद छोड़ना पड़ा।
शिवसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि वह सात मार्च को भगवान राम की पूजा करने के लिए अयोध्या जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है, इसलिए मैं (अयोध्या में) भगवान श्रीराम का ‘दर्शन’ करने के लिए जा रहा हूं। भगवान की झलक पाने में राजनीति का सवाल कहां है? भगवान के दरवाजे बंद नहीं होते हैं सिर्फ इसलिए कि आपने कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन किया। भगवान, भगवान हैं और सभी के हैं।
किसानों के लिए ऋण माफी पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों के दो लाख रुपए तक का ऋण माफ किया। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के ऋण माफ कर देंगे जिनके ऋण खाते आधार के साथ जुड़े हुए हैं। दस लाख किसानों के खातों का प्रमाणीकरण हुआ है और 7.5 लाख खातों में धन का भेजना शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ऋण माफी योजना को निर्धारित समय सीमा के तहत लागू करेगी। मेरी सरकार ध्यान देगी कि किसान खुश रहे।