नई दिल्ली। करोड़ों रुपए के शारदा चिटफंड घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की गिरफ्तारी से बचने का उपक्रम कर रहे कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को मंगलवार को उस वक्त करारा झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने विशेष पीठ गठित करने से इन्कार कर दिया।
कुमार ने गिरफ्तारी की लटकती तलवार से बचने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने के वास्ते मुहैया कराई गई अवधि को एक सप्ताह और बढ़ाने का अनुरोध किया है, साथ ही उन्होंने तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने की भी मांग की है।
कुमार की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ को बताया कि राज्य में वकीलों की हड़ताल चल रही है, इसलिए उनके मुवक्किल को सात दिन की और अधिक मोहलत दी जाये।
शीर्ष अदालत ने गत सप्ताह कुमार की गिरफ्तारी पर लगाई गई अंतरिम रोक हटा ली थी और उन्हें अपने बचाव में कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने के लिए सात दिन की मोहलत दी है। अब पूर्व आयुक्त ने यह अवधि एक सप्ताह और बढ़ाने का अनुरोध किया है।
कुमार को मिली सात दिन की मोहलत 24 मई को समाप्त हो रही है। सीबीआई का आरोप है कि कुमार प्रभावशाली राजनेताओं को बचाने के लिए चिटफंड घोटाले के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।