इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खाने के खिलाफ रविवार को पेश अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच का विरोधाभासी बताते हुए खारिज कर दिया।
विपक्ष द्वारा स्पीकर असद कैसर को पद से हटाने के लिए शुरू की गई एक अप्रत्याशित पहल के बाद सूरी ने सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद पांच के तहत देश के प्रति निष्ठा हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की पूरी कवायद के पीछे विदेशी हाथ होने का दावा किया था।
उन्होंने कहा कि सात मार्च को हमारे आधिकारिक राजदूत ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की सूचना दी गई थी। इससे पहले विपक्षी सांसदों ने संसद भवन की ओर जाते समय ही अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने का पूरा विश्वास जताया था।
प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए 342 सांसदों में से कम से कम 172 का समर्थन जरूरी था और विपक्षी दल नेशनल एसेंबली के 174 सदस्यों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे थे। इस संख्याबल में सत्तारूढ़ पीटीआई के कई असंतुष्टों काे शामिल नहीं किया गया जिन्होंने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री से समर्थन वापस लेने की बात कही थी।
राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर नेशनल एसेंबली भंग की
पाकिस्तान की राजनीति में अप्रत्याशित घटनाक्रमों की श्रृंखला में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल एसेंबली भंग करने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉ शाहबाज गिल ने ट्विटर पर नेशनल एसेंबली भंग किए जाने की पुष्टि की। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि 90 दिनों के अंदर नए चुनाव होंगे।