नयी दिल्ली । राफेल मामले की जांच संयुक्त संसदीय आमिति (जे पीसी) से कराने की विपक्ष की मांग और कावेरी पर बांध बनाये जाने के विरोध में अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्यों के हंगामे के कारण आज भी राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी और इस तरह लगातार सातवें दिन भी सदन में कोई काम काज नहीं हो सका।
सुबह विभिन्न मंत्रालयों के कागजात रिपोर्ट और मंत्रियों के वक्तव्य सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन को सूचित किया कि गत दिनों कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा था कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने लोकसभा में कांग्रेस के सदस्य राहुल गांधी को राफेल के मामले में माफी मांगने की बात कही थी लेकिन सदन के रिकार्ड को देखने पर पता चला कि श्री गोयल ने ऐसी कोई बात नहीं रखी थी, इसलिए शर्मा ने गोयल के खिलाफ जो विशेषाधिकार नोटिस दिया था , वह निरस्त किया जाता है।
शर्मा ने तत्काल अपनी गलती स्वीकार ली, लेकिन उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि शोर गुल में उन्हें ठीक से सुनायी नहीं दिया क्योंकि सीट पर लगे माइक से ऐसी ही बात सुनायी पडी थी। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य हाथ में तख्तियां लिए थे जिसमे गांधी से राहुल मामले में माफी मांगने की बात लिखी गयी थी और वे ऐसी बाते कह भी रहे थे इसलिए उन्हें साफ़ साफ़ सुनायी नही दिया।
इस बीच अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य रोज की तरह हाथ में तख्तियां लिए सभापति के आसन के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। नायडू ने कहा कि राफेल पर उन्हें नोटिस मिली है और सरकार चर्चा के लिए तैयार है उसे आपत्ति नही है तथा और भी मुद्दे हैं जिन पर सदन में चर्चा होनी है इनमे तूफ़ान महंगाई का और कृषि का मुद्दा शामिल है। इसी बीच कांग्रेस के सदस्य नायडू की बातों की अनदेखी कर राफेल मामले की जे पी सी से जाँच करने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। वे हाथ में तख्तियां लिए अपनी सीटों से बाहर आ गये।
दूसरी तरफ द्रमुक और अन्नाद्रमुक का हंगामा जारी रहा, जिसे देखकर सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपनी सीटों से बाहर निकल कर जवाबी नारेबाजी करने लगे। इस तरह सदन में अराजक स्थिति पैदा हो गयी। यह देखकर करीब 11.10 बजे श्री नायडू ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।