नैनीताल। उत्तराखंड में जसपुर में सड़क जाम करने आठ साल पुराने मामले में अदालत ने शुक्रवार को वर्तमान कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे और तीन अन्य विधायकों समेत 16 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने उन्हें 23 अक्टूबर तक अदालत में पेश करने के निर्देश दिये हैं।
मामला ऊधमसिंह नगर के जसपुर से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने जून 2012 में जसपुर के सुभाष चौक में सड़क जाम करने के एक मामले में तत्कालीन विधायक एवं वर्तमान मंत्री अरविंद पांडे एवं विधायक हरभजन सिंह चीमा, राजकुमार ठुकराल और आदेश चौहान सहित 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मामला एक युवक द्वारा दूसरे धर्म की महिला को भगाने का था और बताया जाता है कि आरोपियों ने युवक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये सड़क जाम करने के साथ ही प्रदर्शन किया। इससे न केवल हंगामा खड़ा हुआ बल्कि कानून व्यवस्था की बिगड़ने की स्थिति भी उत्पन्न हो गयी। घटना के तत्काल बाद पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। यह भी बताया जाता है कि इन सभी आरोपियों को बाद में जमानत मिल गयी।
मामला काशीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला और अदालत ने 2019 में भी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये। अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए पुलिस ने कैबिनेट मंत्री और अन्य तीनों विधायकों की सम्पति की कुर्की के लिये उनके घरों पर नोटिस चस्पा कर दिये थे।
इसी दौरान प्रदेश सरकार की ओर से मामले को वापस लेने का निर्णय लिया गया और हाल ही में जिला प्रशासन को इस आशय का एक पत्र भेज गया लेकिन अदालत ने सरकार के निर्णय पर पानी फेर दिया और मामला वापस लेने संबंधी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
इसके बाद आरोपी जिला अदालत पहुंचे और फैसले पर पुनर्विचार करने अपील की लेकिन जिला अदालत ने आरोपियों को राहत नहीं दी। इसके बाद निचली अदालत ने 16 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिये। अदालत ने पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये एक टीम का गठन करने और सभी आरोपियों को 23 अक्टूबर तक अदालत में पेश करने के भी निर्देश दिये हैं।
पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि अदालत का आदेश उन्हें प्राप्त हो गया है और पुलिस सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये एक टीम का गठन कर रही है। अदालत के आदेश का अनुपालन किया जायेगा।