नई दिल्ली। हत्या के आरोप में फरार चल रहे कुश्ती में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की है। रोहिणी कोर्ट ने आज सुशील कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई की और सुशील औऱ एक अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का फैसला सुनाया।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रूपए का इनाम घोषित किया था। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि छत्रसाल स्टेडियम में सागर राणा की हत्या को लेकर पहलवान सुशील कुमार की गिरफ्तारी से संबंधित सूचना देने पर एक लाख रुपए दिया जाएगा। इसके अलावा सुशील के साथ फरार चल रहे अजय बक्करवाला पर भी पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम रखा है।
उल्लेखनीय है कि छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय सागर राणा की हत्या के मामले में सुशील कुमार व अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। पहलवान सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर रोहिणी अदालत में सुनवाई शुरू हो गई है। सुशील कुमार की ओर से कहा गया कि पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से केस बनाया है। सुशील ने कहा है कि वह दो बार के ओलम्पियन हैं और उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री मिल चुका है जबकि सोनू हिस्ट्री सीटर है और उस पर कई केस दर्ज हैं।
सुशील की ओर से कहा गया है कि पुलिस ने इस मामले में कई तथ्यों को छिपाया है जैसे पांच मई की रात 1.19 बजे पर छत्रसाल स्टेडियम पर झगड़े की कॉल आई और कहा गया कि वहां दो गोलियां चली लेकिन पुलिस ने ये नहीं बताया कि फायरिंग किसने की। वाहन से हथियार मिला लेकिन कोई चश्मदीद नहीं मिला। अगर गोली हवा में चलाई गई तो ये हत्या का मामला कैसे बना क्योंकि इससे साफ है कि इरादा हत्या का नहीं था।
सुशील के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कार से जो हथियार बरामद हुए हैं वो सुशील के नहीं है। कार से भी उसका कोई लेना देना नहीं है। उनकी पत्नी के नाम की संपत्ति में सागर किराए पर रह रहा था जिसने किराया नहीं दिया था। पुलिस ने ये भी नहीं बताया कि सुशील का पासपोर्ट जब्त कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि एक स्कॉर्पियो मिली है, लेकिन कोई गवाह नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि अगर मामला इतना गम्भीर नहीं है तो सुशील कुमार भाग क्यों रहे हैं, पुलिस जांच में सहयोग करे।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जहां तक सुशील के तमाम अवार्ड जीतने की बात कही गई है हमें उस पर गर्व है, हमने पासपोर्ट इसलिए रख लिया था क्योंकि हमें डर था कि कहीं वह देश से भाग न जाए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी इंजरी मौत के पहले की हैं।
सुशील के वकील ने कहा कि इंजरी गन से नहीं हुई, फायरिंग हवा में की गई, मकसद हत्या का नहीं था। इसलिए 302 आईपीसी नहीं लगनी चाहिए। सुशील कुमार के वकील ने कहा कि वो अर्जुन अवार्डी है, ओलिंपिक में भी दो मेडल जीत चुका है। सुशील के वकील ने कहा कि कार से जो हथियार बरामद हुए हैं वो सुशील के नहीं हैं।
सुशील कुमार की ओर से पेश हुए एक दूसरे वकील बीएस जाखड़ ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने मेरे मुवक्किल के खिलाफ इस मामले में हेरफेर किया गया है। जो घायल है सबसे महत्वपूर्ण गवाह है, उसने सुशील के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आखिर उसकी गिरफ्तारी क्यों जरूरी है। इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके कई कारण हैं, सुशील की पत्नी के पास एक फ्लैट था जहां दूसरे आरोपी (सोनू और एक और) रह रहे थे। ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सबूत हैं जहां सुशील को मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अदालत ने सुशील कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है, इसलिए कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हमें उसे गिरफ्तार करना होगा।