नयी दिल्ली | पेंशन की एक तिहाई राशि एकमुश्त ले चुके निजी क्षेत्र के पेंशनधारकों को 15 वर्ष की अवधि के बाद पूरी पेंशन मिलने लगेगी।
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में हैदराबाद में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रस्ताव में कर्मचारी भविष्य निधि 1995 में संशोधन करने का प्रावधान है जिससे 6 लाख 30 हजार पेंशनधारकों को फायदा मिलेगा।
ईपीएफ कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारियों की तरह 15 वर्ष की पेंशन की एक तिहाई राशि एकमुश्त देने का प्रावधान था। इसके तहत 15 वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद पेंशनधारक को फिर से पूरी पेंशन मिलने लगती थी। सरकार ने वर्ष 2009 में यह योजना बंद कर दी लेकिन इससे पहले इस योजना का लाभ उठाने वाले पेंशनधारकों को 15 वर्ष बाद फिर से पूरी पेंशन नहीं दी जा रही थी। नियमों में संशोधन से 15 वर्ष की अवधि के बाद पेंशनधारकों की पूरी पेंशन बहाल हो जायेगी।
गंगवार ने बैठक में इस बात पर संतोष जताया कि ईपीएफओ 91 प्रतिशत दावों का निपटारा ऑनलाइन मोड से कर रहा है। ईपीएफ कॉल सेंटर भी 24 घंटे काम कर रहे हैं।
श्रम मंत्री ने इस मौके पर पेंशन के बारे में कर्मचारियों को जागरूक बनाने से संबंधित एक पुस्तिका का भी विमोचन किया