जैसलमेर। राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर व बाड़मेर में आए जबरदस्त आंधी तूफान के साथ बरसात से ग्रामीण इलाकों में कई 400 केवी के टावर धराशायी हो गए।
सूत्रों ने बताया कि विद्युत विभाग के दर्जनो पोल एवं लाईने टूट कर नीचे गिरने से कई गांव में विद्युत व्यवस्था ठप हो गई जिन्हें रीस्टोर करने के लिए विद्युत विभाग की टीम युद्ध स्तर पर लगी हुई हैं। सबसे ज्यादा असर तो ग्रामीणों ईलाकों में पेयजल सिस्टम पर पड़ा हैं। विद्युत छिन्न भिन्न होने के बाद पानी के कई नलकूप बंद हो गए हैं जिसके कारण ग्रामीण अंचलों में पीने के पानी की समस्या पर काफी बुरा असर पड़ा है।
उधर, भारत पाक सीमा पर भी कई स्थानों पर विद्युत पोल गिरने से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई जिसके कारण रात्रि में जनरेटर चला कर विद्युत व्यवस्था को जारी रखा गया लेकिन दिन में इन बीएसएफ की सीमा चौकियों पर विद्युत आपूर्ति ना होने से जवानों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
आंधी के साथ साथ जैसलमेर के कई ईलाकों में अच्छी बरसात होने की जानकारी मिली है। जैसलमेर के चांधण क्षेत्र में ओलावृष्टि होने की जानकारी सामने आई है।
असल में शनिवार रात पाकिस्तान की सीमा क्षेत्र से जबरदस्त तूफान आया जो जैसलमेर बाड़मेर के कई इलाको में फैल गया। 40 से 50 किमी की रफ्तार से आये इस तूफान से जैसलमेर बाड़मेर सहित कई इलाको में विद्युत व्यवस्था खासकर ग्रामीण अंचलों में छिन्न भिन्न हो गई है। यह तूफान इतना शक्तिशाली था।
डिस्कॉम जोधपुर के एसई नरेन्द्र कुमार जोशी ने बताया कि तूफान के कारण से विद्युत विभाग को लाखों रुपए का नुकसान हुआ हैं। जिले के रामगढ़, मोहनगढ़, म्याजलार आदि बड़ी संख्या में विद्युत पोल गिरने से दर्जनों गांव में विद्युत व्यवस्था ठप हो गई। इन्हें रीस्टोर करने की कार्यवाही युद्धस्तर पर की जा रही हैं।
इस तूफान से विद्युत विभाग के 33 केवी के 15 पोल, 11 केवी के 126 पोल, 40 केवी के 11 ट्रांसफॉर्मर व 15 एलटी लाईन व अन्य विद्युत लाईनें टूट कर नीचे गिरी हैं जिन्हें रीस्टोरेशन करने की कार्यवाही की जा रही हैं।
इस तूफान के कारण से भारत पाक सीमा पर भी विद्युत लाईने टूट कर नीचे गिर गई व कई पोल भी नीचे गिर गए जिसके कारण से भारत पाक सीमा पर बीएसएफ की कई सीमा चौकियों पर सामान्य विद्युत व्यवस्था ठप हो गई। हालांकि रात्रि में जनरेटर चलाकर फलड लाईटे जलाई गई लेकिन दिन में बीओपी पर विद्युत व्यवस्था ना होने से गर्मी के मौसल में जवानों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।