उत्तर कोरिया ने गुरुवार को पुष्टि की उसने पनडुब्बी से एक नयी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया और बाहरी खतरों तथा अपनी सैन्य ताकत को बढ़ावा देने के प्रयासों की दिशा में इसे एक “महत्त्वपूर्ण उपलब्धि” करार दिया।
उत्तर कोरिया ने बुधवार को पिछले तीन साल में पहली बार पनडुब्बी से प्रक्षेपित होने वाली मिसाइल का परीक्षण किया था। उत्तर कोरिया की ओर से इस मिसाइल परिक्षण को अमेरिका पर दबाव बनाने का एक हथकंडा बताया जा रहा है। दोनों देशों के बीच हाल ही में बैठक को लेकर सहमति बनी थी।
दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के अनुसार, मिसाइल ने लगभग 450 किमी (280 मील) की उड़ान भरी और समुद्र में उतरने से पहले 910 किमी की ऊँचाई तक पहुँच गई। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अमेरिका को दिखाना चाहता है कि अगर यह वार्ता फिर से विफल रही तो क्या हो सकता है।
‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि एकेडमी ऑफ डिफेंस साइंस ने पुकगुकसोंग-3 नाम की नए प्रकार की बैलेस्टिक मिसाइल का वर्टिकल मोड में देश की पूर्वी वोनसान खाड़ी में परीक्षण किया है।”
हालांकि एजेंसी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसकी सुरक्षा को किन बाहरी ताकतों से खतरा है। लेकिन उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि अमेरिकी सेना के खतरों से निपटने के लिए उसे परमाणु अस्त्रों से लैस मिसाइल विकसित करने पर मजबूर होना पड़ा था।
उत्तर कोरियाई और अमेरिकी अधिकारी, उत्तर कोरिया के परमाणु संकट को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए कूटनीतिक संबंधों की फिर से शुरुआत करने को लेकर शनिवार को मुलाकात करने वाले हैं।