राजकोट। कांग्रेस मेें हाल में शामिल हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के पूर्व संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान को गुजरात की जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा से अवगत करा दिया है पर वह नहीं जानते कि निचली अदालत की ओर से एक मामले में मिली सजा पर रोक के लिए दी गई उनकी अर्जी पर गुजरात हाई कोर्ट क्या रूख अपनाएगा और उन्हे चुनाव लड़ने की अनुमति मिलेगी अथवा नहीं।
हार्दिक ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कल हाई कोर्ट उनकी अर्जी पर सुनवाई करेगा और वह क्या फैसला सुनाएगा उन्हें नहीं मालूम। पर ऐसी अनिश्चितताओं के बावजूद वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
ज्ञातव्य है कि हार्दिक को राज्य के महेसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन स्थानीय भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और तोड़फोड़ के मामले में पिछले साल 25 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने दो साल के साधारण कारवास की सजा सुनायी थी। उन पर जुर्माना भी लगाया गया था। नियम के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते।
इसी वजह से हार्दिक ने एक बार फिर गुजरात हाई कोर्ट का रूख किया। उनके वकील रफीक लोखंडवाला ने यूएनआई को बताया कि उन्होंने अदालत में आठ मार्च को एक अर्जी दी है जिसमें विसनगर की अदालत की सजा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है ताकि हार्दिक के चुनाव लड़ने में परेशानी न हो या उन्हें अयोग्य न ठहराया जा सके।
हार्दिक ने यह भी दावा किया कि गुजरात के उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल समेत सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता पार्टी से नाराज हैं और नाराजगी व्यक्त करने के लिए सही समय और अवसर का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं का कांग्रेस में स्वागत है।