जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा के अस्पताल में 77 बच्चों की मौत के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पिछले छह वर्ष में सबसे कम मौतें इस वर्ष हुई हैं।
गहलोत ने शनिवार को हवाई अड्डे पर पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि देश और राज्यों में अस्पतालों में प्रतिदिन पांच सात मौतें होती हैं। यह कोई नई बात नहीं है। जयपुर में भी होती हैं। हमने इस मामले में पूरी जांच करवाई है और कार्रवाई भी की जा रही है। किसी भी बच्चे की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंनें कहा कि इससे पहले एक वर्ष में 1500 मौतें भी हुई हैं और इस वर्ष 900 मौतें हुई हैं, यह नहीं होना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि पिछली बार हमने अपने कार्यकाल में लम्बे अरसे के बाद ऑपरेशन थिएटरों के साथ लेबर रूम का आधुनिकीकरण कराया था। अब भी हमारा उद्देश्य यही है कि कम से शिशुओं की मृत्यु दर कम से कम हो।
एनपीआर और एनआरसी के सवाल पर उन्होंन कहा कि इस मामले में 15 दिन से झूठ बोला जा रहा है। प्रधानमंत्री कुछ बोलते हैं, अमित शाह कुछ बोलते हैं। यह पूरा देश सुन और समझ रहा है।
उन्होंने सीएए के मुद्दे पर सवाल पर कहा कि हम राज्य में नागरिक संशोधन कानून लागू नहीं करेंगे। केंद्र सरकार को खुद ही इस कानून को वापस लेना पड़ेगा। इस पर चर्चा तक बंद करना पड़ेगी। जितनी वे चर्चा करेंगे खुद ही नुकसान उठाएंगे। उन्हें हर हाल में यह कानून वापस लेना ही पड़ेगा। इस मुद्दे पर वे ऐसे फंस गए हैं कि उनका निकलना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि गृहमंत्री अमित शाह को बार-बार सफाइयां देना पड़ रही हैं। जो नुकसान हो चुका है वह उस पर अब नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे हैं जो अब संभव नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में टिड्डी दलों से हो रहे नुकसान के सम्बन्ध प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। यह विभाग भारत सरकार का है। जोधपुर में उनका कार्यालय है। वहीं से कार्रवाई होती है। राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है। चिंता इस बात की है कि टिड्डी दल बाड़मेर, जालोर सहित अन्य जिलों में फैलती जा रही है।