SABGURU NEWS | नयी दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने क्रिकेट की तरह बैडमिंटन में भी प्रशासनिक सुधार संबंधी याचिका पर भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) को सोमवार को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वरिष्ठ वकील एवं पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की याचिका पर बाई को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
भूषण ने अपनी याचिका में कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तरह ही बाई में भी लोढा समिति की सिफारिशों को लागू किया जाये। याचिका में नेताओं और सरकारी पद पर बैठे लोगों को खेल संघ से अलग करने की मांग की गई है।
असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा फिलहाल बाई के अध्यक्ष हैं। याचिका में सरमा को बाई के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की दलील है कि देश भर में समान खेल नीति होनी चाहिए और राजनेताओं को खेल संघों से दूर रहने के लिए दिशानिर्देश दिए जाने चाहिए।
शीर्ष अदालत ने 18 जुलाई 2016 को बीसीसीआई में न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति की अनुशंसाओं को लागू करने का निर्देश दिया था। न्यायालय के आदेश के मुताबिक बीसीसीआई में न तो मंत्री और न ही अधिकारी शामिल हो सकते हैं, हालांकि इस फैसले में राजनेताओं पर कोई पाबंदी नहीं है।
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