जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 44 सेवा नियमों में संशोधन करते हुए साक्षात्कार को पूर्णतः समाप्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है, इससे अब अधिकांश भर्तियों में साक्षात्कार नहीं होगा।
इन सेवा नियमों के तहत आने वाले पदों के लिए आयोग/बोर्ड/नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा की जाने वाली भर्तियों में अब अभ्यर्थियों का साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा भर्तियों में पारदर्शिता लाने और साक्षात्कार को लेकर अभ्यार्थियों की शंकाओं को दूर करने के लिए नियमों में बड़ा संशोधन करते हुए ऎतिहासिक फैसला लिया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम 1999 में साक्षात्कार के प्रावधान वाले पदों एवं कुछ विशिष्ट सेवा नियमों में साक्षात्कार जारी रखा जाएगा तथा इनमें भी साक्षात्कार का भारांक (वेटेज) कुल अंकों का अधिकतम दस प्रतिशत ही होगा।
ऎसे चार सेवा नियमों में भी साक्षात्कार जारी रखने का निर्णय लिया गया है, जिनमें कार्य प्रकृति के कारण संवाद कौशल की आवश्यकता होती है। इन सेवाओं के लिए होने वाली भर्तियों में साक्षात्कार होगा। राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तरीय विचार-विमर्श के बाद इन नियमों में संशोधन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत 10 मई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक में भर्तियों से साक्षात्कार का प्रावधान हटाने का अहम निर्णय लिया गया था।