महाराष्ट्र। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन तो गए लेकिन अब उनको सरकार चलाने में शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस से भी हर रोज मुकाबला करना पड़ रहा है। इस बार उद्धव को झटका उन्हीं के पार्टी के विधायक और राज्य मंत्री बने अब्दुल सत्तार ने दिया है। आज सत्तार ने इसलिए इस्तीफा दे दिया कि उनको हल्का मंत्रालय दिया गया था। अब्दुल सत्तार को राज मंत्री बनाए जाने पर शिवसेना में भी काफी विरोध हो रहा था। अब्दुल सत्तार को राज्य मंत्री बनाए जाने से शिवसेना के कई नेता खफा थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
एनसीपी, कांग्रेस के मंत्रियों के दबाव में तक उद्धव ठाकरे अभी तक मंत्रालय के विभागों का बंटवारा नहीं। आपको बता दें कि अभी हाल में उद्धव सरकार में 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिनमें एक उपमुख्यमंत्री, 25 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं। शिवसेना ने भी महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय को अपने साथ साधे रखने के लिए अपने कोटे से मंत्री बनाया था। एक महीने तक महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर जो उठापटक चल रही थी उसमें शिवसेना की तरफ से अब्दुल सत्तार काफी सक्रिय थे।
महाराष्ट्र सरकार में कब रुकेगी उथल पुथल
महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल जारी है, शिवसेना-कांग्रेस और एनसपी की सरकार बनने के बाद मंत्री बनाने में 32 दिन लग गए, अभी तीस दिसंबर को उद्धव सरकार की मंत्रिममंडल का विस्तार हुआ था। मंत्रिमंडल विस्तार के पांचवें दिन ही इसे लेकर नाराज़गी सबके सामने आ गई।
कांग्रेस से शिवसेना में शामिल हुए अब्दुल सत्तार को मंत्री बनाए जाने से पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया था। वहीं इसके पीछे की एक और वजह ये भी बतायी जा रही है कि सत्तार खुद भी कैबिनेट मंत्री की बजाय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे थे। कांग्रेस भी नहीं चाह रही थी कि अब्दुल सत्तार को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाए, क्योंकि उनके कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल होने से पार्टी नाराज चल रही थी।
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना
अब्दुल सत्तार के इस्तीफे पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अब्दुल सत्तार का इस्तीफा उद्धव सरकार के पतन की शुरूआत है, इस्तीफा इसलिए हुआ क्योंकि सभी को मलाईदार मंत्रालय चाहिए। उन्होंने कहा कि अब्दुल सत्तार के साथ विश्वासघात हुआ। दूसरी ओर अब्दुल सत्तार के इस्तीफा देने पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि पार्टी में अब्दुल सत्तार का पूरा सम्मान किया गया है, नाराज क्यों है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
विभाग बंटवारे को लेकर सहयोगियों से परेशान शिवसेना
शिवसेना अपने मंत्री के इस्तीफे से तो परेशान है ही, सहयोगी कांग्रेस की कलह ने भी सरकार को राहत की सांस नहीं लेने दी है। कांग्रेस कृषि मंत्रालय जैसा पद चाहती है लेकिन अभी तक बात फाइनल नहीं हो पाई है। नतीजा पांच दिनों से विभाग नहीं बंटा और इधर मंत्रिमंडल का पहला विकेट गिर गया। अभी 2 दिन पहले अजित पवार और अशोक चव्हाण के बीच भी मंत्री पद को लेकर जमकर कहासुनी हो गई थी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार