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राजस्थान का गुलाबी नगर जयपुर शहर तम्बाकू मुक्त घोषित - Sabguru News
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राजस्थान का गुलाबी नगर जयपुर शहर तम्बाकू मुक्त घोषित

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राजस्थान का गुलाबी नगर जयपुर शहर तम्बाकू मुक्त घोषित

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर रविवार को तम्बाकू मुक्त घोषित किया गया। कलक्टर डॉ. जोगाराम ने आज यहां जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक संक्षिप्त समारोह में गुलाबीनगर जयपुर को तंबाकू मुक्त घोषित करने की घोषणा की गई।

डॉ जोगाराम ने उम्मीद जताई कि जयपुर वासी कोटपा अनुपालना की गतिशीलता बनाए रखेंगे और जयपुर को स्वस्थ और तम्बाकू मुक्त बनाए रखने में सहयोग करते रहेंगे। परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि कोविड संक्रमण के समय तंबाकू के उपयोग पर पाबंदी और भी जरूरी हो जाती है। सामान्य दिनों में भी सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू का उपयोग दंडनीय अपराध है।

उन्होंने शहर को तंबाकू मुक्त घोषित किए जाने पर जिला प्रशासन एवं वाग्धारा की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए इस कदम को अगली पीढी के लिए सौगात के रूप में रेखांकित किया।

प्रशासन का आभार जताते हुए वाग्धारा संस्था के सचिव जयेश जोशी ने कहा कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों को, तम्बाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों, सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक परिणामों से अवगत करा कर इस जहर से बचाने के लिए यह प्रयास एक सरहनीय कदम है।

इस घोषणा के बाद जयपुर शहर में अब सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों, शिक्षण संस्थाओं, उनके आस पास तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं में तथा उनके आस-पास तम्बाकू का प्रयोग वर्जित होगा।

यद्यपि राज्य में अभी कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में तम्बाकू खाने पर पाबंदी है परन्तु इस घोषणा के पश्चात शहर में अब कोटपा का और अधिक प्रभावी प्रवर्तन तथा अनुपालना सुनिश्चित हो सकेगी।

राजस्थान में प्रतिवर्ष तम्बाकू से होती है 70 हजार मौतें

राजस्थान में प्रति वर्ष तम्बाकू जनित पदार्थो के सेवन से करीब 70 हजार लोगों की मौतें होती है। यह जानकारी आज यहां विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर स्वयं सेवी संस्था वाग्धारा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दी गई।

वाग्धारा संस्थान के सचिव जयेश जोशी ने बताया कि तम्बाकू जनित पदार्थो से राज्य सरकार को प्राप्त राजस्व के बदले करीब पांच गुना ज्यादा खर्च तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज पर करना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि तंबाकू खाने के बाद इधर-उधर थूकने से अस्वास्थ्यकारक प्रवृत्तियाँ उत्पन्न होती हैं तथा वातावरण भी दूषित होता है। तम्बाकू जनित बीमारियों के मरीजों पर राज्य के सरकारी अस्पतालों के 30 प्रतिशत संसाधन खर्च होते हैं।

वाग्धारा संस्था के सहयोग से जिले में गत अक्तूबर में जयपुर को तम्बाकू मुक्त करने की कार्ययोजना बनाने हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में आज सभी संबन्धित विभागों से विस्तृत चर्चा की गई थी।

इसके पश्चात जयपुर के सरकारी विभागों ने अपने-अपने कार्यस्थलों तथा कार्यालयों और उनके आस-पास तम्बाकू नियंत्रण कानूनों की अनुपालना सुनिश्चित कर उन्हें कोटपा अनुपालित घोषित किया था। इस प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम एवं द्वितीय द्वारा सक्रिय भूमिका निभा कर पूर्ण सहयोग दिया गया।