भोपाल, 27 नवंबर :- निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए कल होने वाले मतदान में उच्च तकनीक एवं मोबाइल एप्लीकेशन्स के माध्यम से महिलाओं, दिव्यांगों, किन्नरों आैर बुज़ुर्गों के लिए सुविधा पूर्वक मतदान करने के उपाय किये हैं और लक्ष्य निर्धारित किया है कि राज्य में कम से कम 80 प्रतिशत लोग मतदान करें।
राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के एल कातांराव ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि सुगम्य पोर्टल एवं ऐप, क्यूलेस मोबाइल ऐप के माध्यम से लोगों को सुगम मतदान की सहूलियतें प्रदान की हैं। यही नहीं, राज्य में 4227 मॉडल मतदान केन्दों के अलावा 6172 ऐसे मतदान केन्द्र बनाये गये हैं जिनमें मतदाताओं को लंबी कतारों में नहीं लगना होगा। उन्हें बैंकों के काउंटरों की तर्ज पर टोकन प्रदान किये जाएंगे और उनका नंबर आने पर बिना कतार मतदान के लिए बुलाया जाएगा। तब तक वे प्रतीक्षालयों में आराम से बैठेंगे जहां पेयजल एवं अन्य सुविधाएं रहेंगी।
श्री राव ने बताया कि राज्य में 159 मतदान केन्द्र ऐसे होंगे जिनका संचालन पूरी तरह से दिव्यांग कर्मियों के हाथों में होगा जबकि 1947 मतदान केन्द्रों का संचालन पूर्ण रूप से महिला कर्मी करेंगी। दिव्यांग संचालित सर्वाधिक 18 मतदान केन्द्र ग्वालियर जिले में होंगे जबकि सर्वाधिक 353 महिला संचालित मतदान केन्द्र जबलपुर जिले में हैं।
क्यूलेस यानी कतार रहित मतदान केन्द्रों में भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र संख्या 153 के अंतर्गत दो मतदान केन्द्र ऐसे बनाये गये हैं जहां मतदान के लिए मतदाता क्यूलेस ऐप के माध्यम से ऑनलाइन मतदान का टोकन ले सकेंगे। आधे -आधे घंटे के स्लॉट में 30 -30 मतदाताओं को उनकी पसंद के समय वोट डालने की सुविधा होगी और अगर वे निर्धारित समय पर पहुंच नहीं सके तो उन्हें साधारण टोकन लेकर मतदान करना होगा।
इससे शहरी अभिजात्य वर्ग के मतदाताओं काे सुविधा होगी। दिव्यांगों, गर्भवती महिलाओं, शिशुओं को दुग्धपान कराने वाली माताओं और 80 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों को मतदान में कतार में नहीं लगाया जाएगा। उन्हें प्राथमिकता से मतदान करने की छूट दी जाएगी। श्री राव के अनुसार इस बार मध्यप्रदेश में करीब साढ़े तीन दिव्यांग और करीब दो लाख गर्भवती महिला मतदाता हैं। बुजुर्ग मतदाताओं के लिए घर से लाने एवं वापस छोड़ने की व्यवस्था के लिए 75 हजार स्वयंसेवियों को लगाया गया है।
मध्यप्रदेश में कुल 65 हजार 367 मतदान केन्द्र और 26 सहायक मतदान केन्द्र स्थापित किये गये हैं जबकि 2013 में करीब 53 हजार मतदान केन्द्र थे। इनमें मतदान कराने के लिए तीन लाख 782 कर्मचारियों अधिकारियों की तैनाती की गयी है जिनमें 45 हजार 904 महिलाएं शामिल हैं। भिंड जिले की मेहगांव सीट से सर्वाधिक 34 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं जबकि इसी जिले की अटेर सीट से 33, भोपाल जिले की नरेला से 31 और सतना से 30 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे कम चार उम्मीदवार पन्ना जिले की गुन्नौर सीट पर हैं।
श्री राव ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनावों में पोस्टल बैलेट के जरिये बीते 10 दिनों में चार लाख से अधिक वोट प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में मतदान की अद्यतन सटीक जानकारी के लिए एक ऐप ‘मत प्रतिशत’ पीठासीन अधिकारी के लिए बनाया गया है जो हर घंटे होने वाले मतदान की जानकारी अद्यतन करेगा। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केन्द्रों में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) के साथ वीवीपैट मशीन लगायी गयी है। इसमें मतदाताओं को पर्ची के साथ स्क्रीन पर यह भी दिख सकेगा कि उन्होंने जिस पार्टी को वोट दिया है, उसे वोट गया है या नहीं।