नई दिल्ली। केन्द्र सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विस्तार एवं प्रचार पर खासा ध्यान दे रही है जिससे देश के प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ रखने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।
केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक ने रविवार को प्रथम प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रकृति ने सभी को स्वस्थ रखने के उपाय किए हैं लेकिन उसके विपरीत जाने से तरह-तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं।
नरेन्द्र मोदी सरकार भारतीय चिकित्सा पद्धतियों योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को पूरे मनोयोग से आगे बढ़ा रही है जिससे प्रत्येक व्यक्ति तक इसके लाभ पहुंचाए जा सकें।
नाईक ने कहा कि आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विकास एवं प्रोत्साहन बोर्ड की सिफारिश पर 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के बारे में बोर्ड की कई सिफारिशों पर अमल किया जा चुका है।
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार करने वाले चिकित्सकों के पंजीयन का दायरा विस्तृत किया जाएगा। अभी प्राकृतिक चिकित्सा के लिए स्नातक उपाधि वालों का पंजीयन किया जा रहा है। जल्द ही इस पद्धति से डिप्लोमा हासिल करने वालों का भी पंजीयन शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में आए सुझावों के अनुसार प्राकृतिक चिकित्सा के विस्तार के लिए हर उपाय किये जायेंगे। आगे भी जो सुझाव आयेंगे उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परिकल्पना के अनुरूप प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाना है आैर भारत को निरोगी बनाना है। उनकी कोशिश है कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति भारत की मुख्य चिकित्सा पद्धति बने।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय में प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े संयुक्त सचिव एवं अन्य पदों का सृजन किया गया है जिससे इस पद्धति के विस्तार कार्यक्रमाें को गति दी जा सके।
इससे पहले इंटरनेशनल नेचरोपैथी ऑर्गनाइजेशन (आईएनओ) के अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि इसे स्कूली पाठ्यक्रम में समाहित किया जाना चाहिए जिससे बचपन से ही लोग इससे जागरुक हो सकें।
उन्होंने 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस घोषित करने पर नाईक को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जो बेहद खुशी की बात है। कार्यक्रम में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का प्रसार और इसके लिए उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया गया।
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की ब्रांड अम्बेसडर बालीवुड अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने इस मौके पर कहा कि खुद को स्वस्थ रखने के लिए इससे बेहतर कोई पद्धति नहीं है। वह अपने अनुभव के आधार पर कह सकती हैं कि यह सबसे प्रभावी चिकित्सा पद्धति है और औषधिरहित इस पद्धति को इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।