मध्य प्रदेश की एक चुनावी जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे राजनीति से ‘संन्यास’ ले लेना चाहिए। पिछले कई वर्षों से दिग्विजय न तो मध्य प्रदेश न ही केंद्र की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा पा रहे हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस पार्टी ने कोई उनको कोई बड़ा पद भी नहीं दे रखा है। एक समय दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार हुआ करते थे।
अपनी वाकपटुता की वजह से पार्टी के मुख्य प्रवक्ताओं में शुमार थे। पिछले साल मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा ही दरकिनार कर दिए गए थे। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया से ही उनका 36 का आंकड़ा है।मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के ग्राम बोरी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब राजनीति से रिटायरमेंट लेने का वक्त आ गया है।
उन्होंने कहा कि मैंने और कांतिलाल भूरिया दोनों ने लंबे समय तक राजनीति की है। अब हम इस उम्र में पहुंच गए हैं जहां हमें संन्यास ले लेना चाहिए, नए नए लड़के आगे बढ़ेंगे।गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के झाबुआ में 21 अक्टूबर को उप-चुनाव होने वाला है ।इस चुनाव को जीतने के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है। कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने भानू भूरिया को टिकट दिया है।
इस लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दी थी दिग्विजय को करारी शिकस्त
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को करारी शिकस्त दी थी। भोपाल से कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए दिग्विजय सिंह ने अपनी जीत के बड़े-बड़े वादे किए थे। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कई बाबाओं को बुलाकर तंत्र मंत्र का सहारा भी लिया था। भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्गी काे लोकसभा चुनाव में लगभग तीन लाख वोटों से हरा दिया था।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद ही दिग्विजय राजनीति में ढलान पर आ गए थे। एक ओर राज्य में गुटबाजी दूसरी ओर केंद्र के शीर्ष नेताओं के द्वारा लगातार की जा रही उपेक्षा के भी शिकार होते चले गए दिग्विजय सिंह। सही मायने में दिग्गी के लिए कांग्रेस पार्टी में अब कोई काम ही नहीं रह गया है ।ऐसे में उनका राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा का स्वागत करना चाहिए।
शंभू नाथ गाैतम, वरिष्ठ पत्रकार