नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हुए फिदायीन हमले की फॉरेंसिक जांच में राज्य पुलिस का सहयोग करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक विशेष टीम आधुनिक उपकरणों के साथ शुक्रवार सुबह रवाना होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनआईए की एक टीम सभी आवश्यक फॉरेंसिक उपकरणों के साथ शुक्रवार सुबह जा रही है। यह टीम घटनास्थल की फोरेंसिक जांच में जम्मू कश्मीर पुलिस का सहयोग करेगी।
इस बीच राजधानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ इस हमले के बारे में विचार विमर्श किया और कहा कि हमले में शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
इससे पहले गृह मंत्री ने हमले की सूचना मिलने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक आरआर भटनागर से इसके बारे में जानकारी ली। उन्होेंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी बात की। सिंह ने अपना शुक्रवार का प्रस्तावित बिहार दौरा रद्द कर दिया है और उनके श्रीनगर जाने की उम्मीद है।
इस बीच गृह सचिव राजीव गौबा अपनी भूटान यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौट रहे हैं। वह आज ही वहांं सचिव स्तर की वार्ता के लिए पहुंचे थे।
दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले में एक वाहन पर आतंकवादियों ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोरीपोरा के निकट सीआरपीएफ के वाहन से अत्याधुनिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) से लदे वाहन की टक्कर मार दी।
इससे सीआरपीएफ का वाहन बुरी तरह नष्ट हो गया और बल के 12 जवान मौके पर ही शहीद हो गये जबकि 32 अन्य घायल हो गये। घायल जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 28 और जवानों की इलाज के दौरान मौत हो गई।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मृतकों की संख्या में वृद्धि होने की आशंका है क्योंकि कुछ जवानों की हालत नाजुक बनी हुई है। हादसे के बाद सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गए और इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। ‘फिदायीन’ हमलावर की पहचान आदिल अहमद के रूप में की गई है जो पुलवामा के काकापोरा का निवासी है।