नई दिल्ली । भारत की सबसे बड़ी पावर यूटिलिटी, एनटीपीसी लिमिटेड ने भारतीय रेलवे की स्पेशल फ्रेट ट्रेन आॅपरेटर (एसएफटीओ) स्कीम के तहत फ्लाई ऐश के परिवहन हेतु हाजिपुर के ईस्ट सेंट्रल रेलवे जोन के साथ समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया है।
इस प्रकार, एनटीपीसी देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिसने भारतीय रेलवेज के साथ एसएफटीओ करार पर हस्ताक्षर किया है। फ्लाई ऐश का परिवहन बोगी टैंक फाॅर अल्युमिना पावडर (बीटीएपी)रेक्स द्वारा किया जायेगा। ये रेक्स रिसावरोधी वैगॅन होते हैं, जिसमें विशेष हवा फ्लुडाइजिंग सिस्टम मौजूद होता है।
एनटीपीसी की ओर से के.के.सिंह, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, उत्तरी क्षेत्र, एनटीपीसी ने समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया। फ्लाई ऐश के लिए भारतीय रेलवे के साथ हुए इस समझौते से रिहंद और विंध्याचल सुपर थर्मल पावर प्लांट्स में ऐश का उपयोग बढ़ने में मदद मिलेगी। आगे, इसे एनटीपीसी के अन्य प्रोजेक्ट्स तक बढ़ाया जायेगा। एस. नरेन्द्र, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, पूर्वी क्षेत्र 1 भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस प्रगति के बारे में, पी.के.सिन्हा, ईडी(ईएमजी, एएम और सेफ्टी), एनटीपीसी ने कहा, ‘‘एनटीपीसी में, पर्यावरण बचाने के प्रति हमारी वचनबद्धतरा के तहत ऐश का टिकाऊ तरीके से उपयोग हमारे द्वारा ध्यान दिये जा रहे प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। अब ऐश को भी एक जींस के रूप में देखा जा रहा है, जिससे दीर्घकालिक रूप से कंपनी को टिकाऊ रूप में राजस्व प्राप्त हो सकता है। भारतीय रेलवे के साथ किया गया यह समझौता इस दिशा में बढ़ाया एक महत्वपूर्ण कदम है, चूंकि इससे हम क्षेत्र में विभिन्न उद्योगों तक ऐश को भेज सकेंगे। हमने भारतीय रेलवे के साथ समझौता करने का निर्णय लिया, चूंकि इसमें कम लागत पर क्षेत्र में भारी मात्रा में ऐश को ले जाने की आवश्यक क्षमता है।’’
इस करार के तहत, एनटीपीसी ने तीन रेक्स खरीदे हैं और प्रत्येक रेक की क्षमता 3060 टन ऐश की होगी। तीनों में से पहले रैक को अक्टूबर 2019 तक पहुंचने का अनुमान है। एनटीपीसी हमेशा से पर्यावरण से जुड़े नियमों के पालन में अग्रणी रहा है और फ्लाई ऐश का उपयोग एनटीपीसी की एक महत्वपूर्ण पहल रही है। भारतीय रेलवे के साथ मिलकर समझौते-पत्र पर हस्ताक्षर एनटीपीसी संयंत्रों फ्लाई ऐश उपयोग स्तर को और अधिक बढ़ाने की दिशा में निर्णायक कदम है। आगे, इससे क्षेत्र की डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज के लिए कच्चे माल की सोर्सिंग आसान हो सकेगी।