नयी दिल्ली । सरकार ने 22 हजार 594 करोड़ रुपये की लागत से असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता 30 लाख टन से बढ़ाकर 90 लाख टन सालाना करने की मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति की आज यहाँ हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद बताया कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए पारादीप से नुमालीगढ़ तक कच्चे तेल की पाइपलाइन बिछाई जायेगी।
वहीं, शोधित पेट्रोलियम उत्पाद भेजने के लिए नुमालीगढ़ से सिलिगुड़ी तक एक अन्य पाइपलाइन बिछाई जायेगी। इस परियोजना पर कुल 22,594 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। उन्होंने बताया कि मंजूरी और संवैधानिक स्वीकृतियों के बाद यह परियोजना चार साल में पूरी हो जायेगी।
गोयल ने बताया कि परियोजना के लिए राशि ऋण , इक्विटी और वायेबल गैप फंडिंग के जरिये जुटाई जायेगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी 15,102 करोड़ रुपये की राशि ऋण के जरिये जुटायेगी। रिफाइनरी की प्रवर्तक कंपनियाँ भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, ऑयल इंडिया लिमिटेड और असम सरकार शेयर के माध्यम से 2,307 करोड़ रुपये की पूँजी उपलब्ध करायेगी।
वायेबल गैप फंडिंग के माध्यम से केंद्र सरकार 1,020 करोड़ रुपये की राशि देगी। उन्होंने बताया कि रिफाइनरी की क्षमता बढ़ने से पूर्वोत्तर के राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों की कमी दूर होगी। क्षेत्र में कच्चे तेल की उपलब्धता बढ़ने से पूर्वोत्तर की अन्य रिफाइनरियों के लिए भी आसानी होगी। इससे असम में रोजगार के प्रत्यक्ष एवं परोक्ष अवसर पैदा होंगे।